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महाकुंभ से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा साकार हुई : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

महाकुंभ से ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा साकार हुई : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल
  • PublishedFebruary 18, 2025

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल के वर्ष 2025 के प्रथम सत्र के लिए बुलाई गई दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की ओर से प्रयागराज में कराए जा रहे महाकुंभ 2025 का विशेष उल्लेख किया और इसे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा को साकार होना बताया।

महाकुंभ-2025 में स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए

राज्यपाल ने कहा कि उनकी सरकार को इस वर्ष दिव्य एवं भव्य महाकुंभ आयोजन का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। महाकुंभ-2025 में स्वच्छता, सुरक्षा तथा सुव्यवस्था के नए मानक गढ़े गए हैं। महाकुंभ में आस्था एवं आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।

महाकुंभ बना समता और समरसता का प्रतीक

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि यह आयोजन जहां एक ओर अनेकता में एकता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर समता और समरसता का संदेश भी दे रहा है, जिससे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की अवधारणा साकार हो रही है। अब तक लगभग 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पावन त्रिवेणी में आस्था की पवित्र डुबकी लगा चुके हैं।

राज्यपाल ने असमय काल-कवलित लोगों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की

उन्होंने मौनी अमावस्या पर घटी दुर्भाग्यपूर्ण घटना पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि इससे हम सभी अत्यन्त दुःखी हैं। इसमें कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसमें से कुछ श्रद्धालुओं की दुःखद मृत्यु भी हो गई। उन्होंने असमय काल-कवलित हुए लोगों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की तथा शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। राज्यपाल ने इस बात का विशेष उल्लेख किया कि महाकुंभ प्रयागराज 2025 के शुभ अवसर पर पावन त्रिवेणी तट पर 22 जनवरी, 2025 को मंत्रिपरिषद की ऐतिहासिक बैठक भी आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

विपक्ष सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सकारात्मक योगदान दें

इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र (2025-26) शुरू होने से पहले कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि हार की हताशा से परेशान विपक्ष अपनी खुन्नस को सदन पर नहीं उतारेगा, बल्कि सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से संचालित करने में सकारात्मक योगदान करेगा। अभिभाषण और बजट महत्वपूर्ण मुद्दे होते हैं, जिसमें विपक्ष ही नहीं, बल्कि सदन का हर सदस्य अपनी बात को प्रभावी ढंग से रख सकता है। इसके अलावा भी विपक्ष जिस मुद्दे पर चर्चा करना चाहेगा, सरकार उसका तथ्यात्मक जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।