डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पर लगाए कड़े प्रतिबंध
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) पर कड़े प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह अदालत “अमेरिका और उसके करीबी सहयोगी इजराइल को गलत तरीके से निशाना बना रही है।” इस आदेश के तहत उन व्यक्तियों पर वित्तीय और वीजा प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो अमेरिकी नागरिकों या उसके सहयोगियों के खिलाफ ICC की जांच में सहयोग कर रहे हैं।
यह आदेश ऐसे समय में जारी किया गया जब इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वाशिंगटन दौरे पर थे। कुछ महीने पहले, ICC ने नेतन्याहू के खिलाफ गाजा में कथित युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसे इजराइल ने पूरी तरह खारिज कर दिया। साथ ही, ICC ने हमास के एक कमांडर के खिलाफ भी वारंट जारी किया था। व्हाइट हाउस ने ICC के इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि “यह अदालत इजराइल और हमास को एक जैसा बताने की कोशिश कर रही है जो पूरी तरह गलत है।”
ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ICC के हालिया फैसले अमेरिका की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ट्रंप ने अपने आदेश में कहा कि यह अदालत “अमेरिकियों को अनुचित तरीके से उत्पीड़न, दुर्व्यवहार और संभावित गिरफ्तारी के जोखिम में डाल रही है।” अमेरिका का हमेशा से ICC के प्रति कठोर रुख रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका ICC का सदस्य नहीं है और उसने हमेशा इस अदालत के अधिकार क्षेत्र को अस्वीकार किया है। ट्रंप ने पहले भी ICC अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे जब यह अदालत अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान में कथित युद्ध अपराधों की जांच कर रही थी। हालांकि, बाद में जो बाइडेन प्रशासन ने इन प्रतिबंधों को हटा दिया था।
ट्रंप के इस कार्यकारी आदेश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी है। उनका यह कदम अमेरिका-इजराइल संबंधों को और मजबूत करता है लेकिन यह ICC और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अमेरिका के तनावपूर्ण संबंधों को और बढ़ा सकता है।
इस आदेश के अलावा, ट्रंप ने गाजा पर एक और विवादास्पद बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि “गाजा को इजराइल युद्ध के बाद अमेरिका को सौंप दे और इसे एक पर्यटन स्थल बना दिया जाए।” इस बयान की अरब देशों और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी आलोचना की।
नेतन्याहू ने अमेरिका की यात्रा के दौरान वाशिंगटन में अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की और ट्रंप को एक “गोल्डन पेजर” भेंट किया। यह उपहार इजराइल के पिछले साल हिजबुल्लाह के खिलाफ एक सैन्य अभियान से जुड़ा हुआ था। इस हमले में कई लोग मारे गए थे और हजारों घायल हुए थे। इजराइल का कहना था कि यह हमला ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के खिलाफ था लेकिन लेबनान के अधिकारियों ने दावा किया कि इसमें कई निर्दोष नागरिक भी मारे गए।