सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी, मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दाखिल की गई याचिका पर जारी किया गया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को करने का आदेश दिया।
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा, “हिंदू पक्ष द्वारा यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया है। वजू खाना में शिवलिंग का अभी-भी पुरातत्व विभाग द्वारा सर्वेक्षण नहीं हुआ है। इससे यह साफ हो सके कि यह शिवलिंग है या फव्वारा। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह फव्वारा है। एएसआई का सर्वे हुआ, जिसमें ज्ञानवापी के 12 तहखानों में से 8 तहखानों की एएसआई सर्वे नहीं हो पाया। इसके साथ ही मुख्य गुंबद के नीचे जो ज्योतिर्लिंग है, उसका भी सर्वे नहीं हो पाया है।”
इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी। इसमें मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया गया है। मुस्लिम पक्ष को स्पष्ट कहा गया है कि वो दो सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करें।
अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, “हमने 16 मई 2022 को दावा किया था कि तथाकथित वजू खाना में एक शिवलिंग पाया गया है। हालांकि, अंजुमन इंतजामिया ने इसका खंडन किया और कहा कि यह एक फव्वारा है। इसी को देखते हुए हमने इसका एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग की थी। हमने अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया गया है। इसके अलावा, मुस्लिम पक्ष को दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है। ऐसे में देखना होगा कि मुस्लिम पक्ष की ओर से जवाब में क्या कुछ कहा जाता है।”
उल्लेखनीय है, सुप्रीम कोर्ट के 2022 में दिए आदेश के मुताबिक वजूखाने वाली जगह अभी सील है। हिन्दू पक्ष अब इस आदेश में बदलाव की मांग कर रहा है। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश वकील ने कहा कि हिन्दू पक्ष सील किए गए वजूखाने के इलाके की एएसआई सर्वे चाहता है। जिला अदालत ने इस मांग को ठुकरा दिया था तो उसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इसकी अनुमति दी थी।
इसके खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जो अभी लंबित है। तब हिन्दू पक्ष के वकील की ओर से बताया गया कि वाराणसी के ट्रायल कोर्ट में लंबित 15 मामलों को हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने वाली उनकी याचिका सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो सकी है। तब कोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी मामले से जुड़े सभी मामलों का एक चार्ट भी कोर्ट के सामने रखा जाएगा जिससे सुनवाई के प्रारूप को तय किया जा सके।