ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा : अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को नशीली दवाओं की तस्करी करने वाले गिरोहों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का आह्वान किया। अमित शाह ने कहा कि पुलिस और अन्य एजेंसियों को केवल नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों को गिरफ्तार करने का लक्ष्य नहीं रखना चाहिए। ड्रग्स का पूरा बिज़नेस अब नार्को टेरर के साथ जुड़ गया है, ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा बन गया है। सभी एजेंसियों का लक्ष्य सिर्फ ड्रग्स का उपयोग करने वालों को पकड़ने का नहीं बल्कि इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का होना चाहिए। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार (18 जुलाई, 2024) को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स टोल-फ्री हेल्पलाइन मानस (MANAS) की शुरुआत और श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इस मौके पर उन्होंने एनसीबी की ‘वार्षिक रिपोर्ट 2023’ भी जारी की।
बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नशे के खिलाफ लड़ाई में बहुत गंभीरता आई है और हम इसे एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि असल लड़ाई तो अब शुरू हुई है क्योंकि अब हम इस लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर हैं।
ड्रग्स का भावी पीढ़ी को खोखला कर देती है
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि ड्रग्स का सबसे बड़ा नुकसान है कि ये भावी पीढ़ी को खोखला कर देती है और इसका आदी सदस्य अपने साथ-साथ अपने पूरे परिवार को भी घोर निराशा और हीनभावना से ग्रसित कर देता है। उन्होंने कहा कि इसका एक नया खतरा सामने आया है कि अब ये पूरा बिज़नेस नार्को टेरर के साथ जुड़ गया है और देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा बन गया है। अमित शाह ने कहा कि हमारे अर्थतंत्र को खोखला करने के लिए अर्थिक व्यवहार के चैनल्स भी ड्रग्स के व्यापार के कारण मज़बूत हुए हैं और कई इस प्रकार के संगठन बन गए हैं जो सिर्फ ड्रग्स ही नहीं बल्कि गैरकानूनी हवाला और कर चोरी के काम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की तस्करी अब एक मल्टीलेयर्ड अपराध बन गया है जिससे हमें मज़बूती और सख्ती से निपटने की ज़रूरत है।
नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर के उत्साहजनक आंकड़े सामने आए
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने 2014 से ही नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) के क्रियान्वयन पर बहुत ज़ोर दिया है और इसके उत्साहजनक आंकड़े सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ज़िलास्तरीय नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर जब तक काम नहीं करेगी तब तक ये लड़ाई सफलतापूर्वक नहीं लड़ सकेंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज मानस (MANAS) पोर्टल का भी लोकार्पण हुआ है और इसके साथ कई अन्य पहल भी की गई हैं जिन्हें राज्यों और ज़िलास्तर की हर इकाई तक पहुंचाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को नार्कोटिक्स फॉरेंसिक्स पर अपने बजट का एक हिस्सा खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही सरकार नारकोटिक्स के प्राथमिक टेस्ट के लिए बहुत सस्ती किट उपलब्ध कराने जा रही है जिससे केस दर्ज करने में बहुत आसानी हो जाएगी।
श्रीनगर में एनसीबी का जोनल कार्यालय महत्वपूर्ण
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्रीनगर में एनसीबी का जोनल कार्यालय देश की उत्तर-पश्चिमी सीमा के माध्यम से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि एनसीबी के अब 30 जोनल और 7 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। एनसीबी की वार्षिक रिपोर्ट-2023 मादक पदार्थों की तस्करी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ चल रही लड़ाई में एनसीबी (NCB) और अन्य एजेंसियों के प्रयासों तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है।
गुमनाम रूप से चौबीसों घंटे एनसीबी से जुड़ सकते हैं
अमित शाह ने कहा कि मानस (मादक पदार्थ निषेधआसूचना केंद्र) के तहत एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा ताकि देश के नागरिक, नशीली दवाओं की तस्करी और तस्करी पर जानकारी साझा करने या नशीली दवाओं के दुरुपयोग, नशामुक्ति और पुनर्वास जैसे मुद्दों से संबंधित सलाह लेने के लिए गुमनाम रूप से चौबीसों घंटे एनसीबी से जुड़ सकें।