चीन के विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद डॉ एस जयशंकर ने कहा- एलएसी का सम्मान करना और शांति सुनिश्चित करना जरूरी
भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने गुरुवार (4 जुलाई) एससीओ शिखर सम्मेलन 2024 के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान दोनों ही मंत्रियों ने सीमा क्षेत्रों में बाकी मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रियों ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में मुलाकात की, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। लगभग एक साल में यह उनकी पहली मुलाकात थी, हालांकि फरवरी में जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दौरान उनकी एक संक्षिप्त मुलाकात हुई थी।
डॉ एस जयशंकर ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, सुबह अस्ताना में सीपीसी पोलित ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। सीमा क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की। उस लक्ष्य के लिए कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति हुई। एलएसी का सम्मान करना और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना आवश्यक है। आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात करने के बाद बताया कि हम दोनों के बीच बॉर्डर एरिया में बचे हुए मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई है। एस जयशंकर ने गुरुवार को अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक के बाद कहा कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गतिरोध में “शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान” के लिए प्रयास दोगुने कर देंगे। उन्होंने कहा कि एलएसी का सम्मान और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना अहम है आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित हमारे द्विपक्षीय संबंधों को मार्गदर्शन करेंगे।
बता दें, विदेश मंत्री जयशंकर और वांग ने आखिरी बार 14 जुलाई, 2023 को जकार्ता में आसियान से संबंधित विभिन्न बैठकों के इतर एक द्विपक्षीय बैठक की थी। आज (4 जुलाई) की बैठक दोनों पक्षों के लिए एलएसी के साथ स्थिति का जायजा लेने और शेष मुद्दों को संबोधित करने के प्रयासों को जारी रखने का एक अवसर थी।
डॉ जयशंकर का कहना है कि सीमा पर शांति के बिना चीन के साथ समग्र संबंध सामान्य नहीं किए जा सकते। उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए चीन को भी दोषी ठहराया है और कई मौकों पर कहा है कि उसने सीमा प्रबंधन समझौतों का उल्लंघन किया है और एलएसी पर बड़े पैमाने पर सेना जमा की है।