इटली पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने कहा- हमारा लक्ष्य है ग्लोबल चुनौतियों का समाधान करना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
इटली के अपुलिया में 50वें G7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली पहुंचे चुके हैं । इटली पहुंचने पर उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर कहा कि विश्व नेताओं के साथ सार्थक चर्चा में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं। साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना और उज्जवल भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। सम्मेलन में मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस पीएम मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से भी मिलेंगे। भारत G7 का सदस्य नहीं है लेकिन आउटरीच देश के तौर पर आमंत्रित किया है। आज 14 जून को पीएम मोदी की विश्व नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें हैं।
पीएम मोदी की एक दिवसीय इटली यात्रा का विवरण देते हुए, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने वीडियो पोस्ट किए हैं, जिसमें उन्होंने 14 जून को विश्व नेताओं के साथ प्रधान मंत्री की व्यस्तताओं का विवरण दिया हैं । उल्लेखनीय है, G7 शिखर सम्मेलन 13-15 जून तक इटली के अपुलीया क्षेत्र में शानदार बोर्गो एग्नाज़िया रिसॉर्ट में हो रहा है। पीएम मोदी इटली के पीएम जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे
पीएम मोदी इस सम्मेलन से इतर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। बता दें कि मार्च 2023 में मेलोनी की भारत यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी बैठक होगी। पीएम मोदी उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ इटली पहुंचे हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भी मुलाकात संभव है। उल्लेखनीय है कि इटली की प्रधानमंत्री ने भारत के प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने, केन्याई राष्ट्रपति विलियम रुटो और ट्यूनीशियाई राष्ट्रपति कैस सईद को भी आमंत्रित किया है। सभी नेता अफ्रीकी महाद्वीप पर इटली के विकास पर बात करेंगे। अन्य अतिथियों में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा और तुर्किये के राष्ट्रपति रेचप तैयब अर्दोआन शामिल हैं।
कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे चर्चा
बता दें कि कल (गुरुवार) इटली में यह सम्मेलन शुरू हो गया है। इस मौके पर G8 और G20 के पूर्व इटालियन शेरपा और राजदूत जियाम्पिएरो मासोलो ने जोर देकर कहा कि भारत एक प्रमुख देश और एक विशाल लोकतंत्र है। हर कोई इसे एक स्थिर कारक के रूप में गिनता है। ग्लोबल साउथ में भारत महत्वपूर्ण स्थिति है। G7 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी से उन्हें पिछले वर्ष भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के परिणामों पर आगे की जाने वाली कार्रवाई करने का भी अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी के इटली में G7 शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने की भी उम्मीद है।
मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद
उल्लेखनीय है, इस सम्मेलन में मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों पर चर्चा होने की उम्मीद है। विश्वभर के नेता इन जटिल भू-राजनीतिक चुनौतियों से निपटने और समाधान के तरीकों की तलाश करेंगे। इसके अलावा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एजेंडा के प्रमुख विषयों में शामिल किया गया है। G7 संगठन के सदस्य देशों में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ ही यूरोपीय यूनियन भी शामिल हैं।
पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल पहली यात्रा इटली की
इटली यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने प्रस्थान वक्तव्य में कहा कि प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर, मैं 14 जून 2024 को G7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलीया क्षेत्र की यात्रा पर जा रहा हूं। मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में G20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इटली यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं। हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिन्द-प्रशांत एवं भू-मध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ऊर्जा, अफ्रीका एवं भू-मध्यसागर पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा।
अन्य नेताओं से मिलने के लिए उत्सुक
पीएम मोदी ने प्रस्थान वक्तव्य में आगे कहा कि यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन तथा आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच व्यापक तालमेल लाने और उन मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा, जो ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।