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चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका की टिप्पणी पर विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका की सोच को बताया संकीर्ण

चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका की टिप्पणी पर विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका की सोच को बताया संकीर्ण
  • PublishedMay 15, 2024

भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के लिए समझौते पर अमेरिका की तरफ से की जाने वाली टिप्पणी पर कहा कि अमेरिका जैसी महाशक्ति की सोच अगर संकीर्ण होती है तो असर व्यापक हो सकता है। अमेरिका कल तक जिस चाबहार बंदरगाह को गेम चेंजर बता रहा था, अफगानिस्तान से निकलने के बाद उसके लिए हुई डील पर भड़क रहा है। यह साफ-साफ छोटी सोच का ही नतीजा है, व्यापक हित की दृष्टि तो बिल्कुल नहीं। दरअसल इस समझौते के तुरंत बाद ही अमेरिका ने चेतावनी दी कि कोई भी तेहरान के साथ व्यापारिक सौदे करने के लिए विचार बना रहा है तो, उसे संभावित प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार (14 मई) को अपनी पुस्तक ‘व्हाई भारत मैटर्स’ के बांग्ला संस्करण के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। कोलकाता में आयोजित पुस्तक विमोचन समारोह में जयशंकर से ईरान के साथ चाबहार पोर्ट के लिए हुई डील पर अमेरिका की तरफ से प्रतिबंध की धमकी दिए जाने पर सवाल पूछा गया। इस पर विदेश मंत्री ने सीधा और साफ जवाब दिया। चाबहार बंदरगाह पर अमेरिका की टिप्पणी पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, “मैंने कुछ टिप्पणियां देखीं जो की गई थीं, लेकिन यह संवाद करने, समझाने और लोगों को यह समझाने का सवाल है कि यह वास्तव में सभी के लाभ के लिए है। मुझे नहीं लगता कि लोगों को इसके बारे में संकीर्ण दृष्टिकोण रखना चाहिए और उन्होंने अतीत में ऐसा नहीं किया है। यदि आप अतीत में चाबहार के प्रति अमेरिका के अपने रवैये को भी देखें, तो अमेरिका इस तथ्य की सराहना करता रहा है कि चाबहार की व्यापक प्रासंगिकता है। इसलिए हम इस पर काम करेंगे।” उन्होंने कहा कि लोगों को इसे लेकर संकीर्ण दृष्टिकोर्ण नहीं रखना चाहिए, क्योंकि यह समझौता सभी को लाभ देगा।

दरअसल भारत ने सोमवार को ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के प्रबंधन के लिए 10 साल के समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह कॉन्ट्रैक्ट इंडिया पोर्ट ग्लोबल लिमिटेड (आईपीजीएल) और ईरान के बंदरगाह और समुद्री संगठन (पीएमओ) के बीच किया गया है। इस महत्वपूर्ण समझौते के बाद अब ईरान का चाबहार बंदरगाह अगले दस सालों तक भारत का हो गया है। भारत के इस कदम से देश को मध्य एशिया के साथ कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी। गौरतलब हो, चाबहार बंदरगाह परियोजना का विकास भारत-ईरान की एक प्रमुख परियोजना है। ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह क्षेत्र और विशेष रूप से मध्य एशिया के लिए वाणिज्यिक पारगमन केन्‍द्र है। यह कॉन्ट्रैक्ट 10 वर्षों की अवधि के लिए चाबहार बंदरगाह विकास परियोजना के अंतर्गत शाहिद-बेहस्ती बंदरगाह के संचालन को सुगम बनाएगा।