पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कार्यकाल समाप्त, दो कैबिनेट मंत्रियों समेत 5 राज्यसभा सांसद भी शामिल
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 33 साल बाद आज राज्यसभा से रिटायर हो रहे हैं। राज्यसभा से कुल 54 सांसदों का कार्यकाल इस वर्ष अप्रैल में खत्म हो रहा है। इनमें से 49 सांसद 2 अप्रैल को ही सदन से रिटायर हुए थे जबकि मनमोहन सिंह सहित 5 सांसदों का कार्यकाल आज (3 अप्रैल) समाप्त होने जा रहा है।
रिटायर होने वाले 54 सांसदों में 9 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 1991 में सबसे पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे। छठी और आखिरी बार वे 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सांसद बने। मनमोहन सिंह की जगह अब कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंचेंगी। इस साल 20 फरवरी को उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था।
केंद्रीय मंत्रियों में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान,स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री पुरषोत्तम रूपाला,सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन, MSME मंत्री नारायण राणे और सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन का कार्यकाल मंगलवार को खत्म हुआ। वहीं,पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का कार्यकाल आज खत्म होगा। इन केंद्रीय मंत्रियों में से सिर्फ अश्विनी वैष्णव और एल. मुरुगन को पार्टी ने फिर से राज्यसभा भेजा है। रिटायर होने वाले बाकी सभी मंत्रियों को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव का टिकट दिया है।
इसके अलावा सपा ने जया बच्चन को फिर राज्यसभा सांसद के लिए नामांकित किया है वहीं राजद के मनोज कुमार झा को भी बिहार से राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल के लिए नामांकित किया गया है। कर्नाटक के नसीर हुसैन भी रिटायर होने वालों की सूची में शामिल हैं, कांग्रेस ने उन्हें कर्नाटक से फिर से नामांकित किया है। कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हुआ। वे फिर से राज्यसभा नहीं पहुंच पाए।
पहली बार सोनिया गांधी राज्यसभा में
प्रकाश जावड़ेकर और सुशील मोदी को भाजपा ने फिर राज्यसभा नहीं भेजा। भाजपा के राष्ट्री य मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी भी रिटायर हो रहे हैं। राजस्थान से निर्विरोध चुनी गईं सोनिया गांधी पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 14 फरवरी को राजस्थान से राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया था। 20 फरवरी को नाम वापस लेने का आखिरी दिन था। उसी दिन सोनिया गांधी को निर्विरोध चुन लिया गया। यह पहला मौका है जब सोनिया गांधी राज्यसभा जा रही हैं। वे 5 बार की लोकसभा सांसद हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी (1964-1967 तक) राज्यसभा की सांसद रह चुकी हैं।
राज्यसभा के सदस्यों को विधायक चुनते हैं। चुनाव के फॉर्मूले के तहत विधायकों की कुल संख्या में राज्यसभा की रिक्त सीटों में 1 जोड़कर भाग दिया जाता है। जैसे- बिहार में 243 विधायक हैं और राज्यसभा की 2 सीटें खाली हैं। ऐसे में 243 में 2+1(= 3) का भाग देने पर संख्या 81 आती है। इसमें एक जोड़ने पर यह 82 हो जाता है। इस तरह बिहार में प्रत्येक राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 82 वोट चाहिए।