उच्चस्तरीय समिति ने आकांक्षी भारत के लिए एक साथ चुनाव कराये जाने पर ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विषयक रिपोर्ट प्रस्तुत की
पूर्व राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में देश में एक साथ चुनाव करये जाने के संदर्भ में गठित उच्चस्तरीय समिति (एचएलसी) ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से मुलाकात की और उन्हें अपनी रिपोर्ट सौंपी। उल्लेखनीय है कि उच्चस्तरीय समिति का गठन 2 सितंबर, 2023 को किया गया था। हितधारकों व विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श करने और 191 दिनों के शोध के बाद 18,626 पृष्ठों वाली यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
इस समिति में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता श्री गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव डॉ. सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त श्री संजय कोठारी सदस्य थे। समिति में कानून और न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य और डॉ. नितेन चंद्रा एचएलसी के सचिव थे।
समिति ने विभिन्न हितधारकों के विचारों को समझने के लिए व्यापक विचार-विमर्श किया। 47 राजनीतिक दलों ने अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत किए, जिनमें से 32 ने एक साथ चुनाव कराये जाने का समर्थन किया। इस सिलसिले में कई राजनीतिक दलों ने एचएलसी के साथ व्यापक चर्चा की। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के समाचार पत्रों में प्रकाशित एक सार्वजनिक सूचना के प्रत्युत्तर में, पूरे भारत से नागरिकों से 21,558 प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। 80 प्रतिशत लोगों ने एक साथ चुनाव का समर्थन किया। भारत के चार पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और प्रमुख उच्च न्यायालयों के बारह पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, भारत के चार पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों, आठ राज्य चुनाव आयुक्तों और भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष जैसे कानून विशेषज्ञों को समिति द्वारा व्यक्तिगत रूप से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। भारत निर्वाचन आयोग की राय भी मांगी गई।