आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए एआई का करेंगे उपयोग : राजीव चन्द्रशेखर
केंद्रीय इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चन्द्रशेखर सोमवार को मुंबई टेक वीक में शामिल हुए। इस अवसर पर राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि हम अपने आर्थिक विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल और कृषि सहित अन्य क्षेत्रों पर एआई (AI) के व्यापक प्रभाव को सुनिश्चित करते हुए इसका पूर्ण उपयोग करेंगे।
इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने आज (मंगलवार) को जानकारी दी कि केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार (19 फरवरी) को मुंबई टेक वीक में अनंत गोयनका के साथ चर्चा में वर्चुअल रूप से भाग लिया। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि विनियमन की रूपरेखा बनाने के लिए हमारा दृष्टिकोण खुला, पारदर्शी और परामर्शात्मक रहा है, जबकि पिछली सरकारें कुछ सबसे बड़े घोटालों में लिप्त थीं।
उन्होंने कहा कि कि चीन के संदर्भ में आज यह स्थित है कि उभरते और उच्च तकनीक के क्षेत्रों में पिछले दशक में जो गति उसके लिए थी, वह धीमी हो रही है क्योंकि सभी महत्वपूर्ण निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं के उनके खिलाफ होने के कारण यह गति कम होती जा रही है। चीन को अब निश्चित रूप से तकनीक के भविष्य में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में नहीं देखा जाता है।
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास जताते हुए कहा कि भारत पिछले 75 वर्षों के खोये हुए अवसरों को बदल रहा है। आज हमारे पास दो पूर्ण विकसित फैब हैं, दशकों के बाद, देश में 10 अरब डॉलर का फैब निवेश आ रहा है। हम सेमीकंडक्टर्स के भविष्य के लिए प्रौद्योगिकी के सर्वोत्तम साझेदारों के साथ भी साझेदारी कर रहे हैं। इसलिए, सेमीकंडक्टर पर डिजाइन इनोवेशन इकोसिस्टम के साथ, भारत अगली पीढ़ी के चिप्स और डिवाइस को डिजाइन करने जा रहा है, हम भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर का भी शुभारंभ कर रहे हैं जो एक अत्याधुनिक अनुसंधान केंद्र बनने जा रहा है जहां दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माता भारत में अनुसंधान का कार्य करेंगे।
राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि हम अपने आर्थिक विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एआई का पूरी तरह से दोहन करने की मंशा रखते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि एआई स्वास्थ्य देखभाल और दवा खोज के साथ-साथ कृषि और किसान उत्पादकता पर व्यापक रूप से प्रभाव डालता है। उपयोग के मामले चैटजीपीटी के साथ प्रतिस्पर्धा करना नहीं है और हम इस दिशा में नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम और आगे बढ़ते हुए शिक्षा का समर्थन करेंगे और इस दिशा में भारत की कई भाषाओं और कई डेटासेट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।