यूएई और भारत के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी को मजबूत करने के लिए 10 एमओयू समझौतों पर हुए हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई (UAE) की यात्रा पर आज (बुधवार) भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच हुए समझौता ज्ञापन समझौते के बारे में जानकारी दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएई की दो दिवसीय सरकारी यात्रा पर हैं। हवाई अड्डे पर संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने एक विशेष प्रकार से और गर्मजोशी से उनका स्वागत किया और उसके बाद उनका समारोहपूर्वक स्वागत किया गया। दोनों नेताओं ने आमने-सामने और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की। उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की। उन्होंने व्यापार और निवेश, डिजिटल बुनियादी ढांचे, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंधों जैसे सभी क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने का स्वागत किया। दोनों नेताओं के बीच हुई चर्चा में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे भी शामिल रहे। दोनों नेताओं ने ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई (UAE) की यात्रा पर आज (बुधवार) भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने एक मीडिया ब्रीफिंग में संयुक्त अरब अमीरात और भारत के बीच हुए समझौता ज्ञापन समझौते के बारे में जानकारी दी।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएई (UAE) की यात्रा पर विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री कल दोपहर में अबू धाबी पहुंचे, जो इस देश की उनकी 7वीं यात्रा है। UAE के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने उनका स्वागत किया और हवाई अड्डे पर औपचारिक स्वागत भी किया। नेताओं ने विस्तृत प्रतिनिधिमंडल स्तर और एक-से-एक वार्ता की, जिसमें भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण विकास के पूरे पहलू को शामिल किया गया। उन्होंने जीवन कार्ड का उपयोग करके किए गए लेनदेन को भी देखा और प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के घरेलू जीवन कार्ड के लॉन्च के संबंध में राष्ट्रपति को बधाई दी, जो भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच वित्तीय क्षेत्र के सहयोग में एक और महत्वपूर्ण कदम है, 10 समझौता ज्ञापन समझौते हुए जिन पर हस्ताक्षर किए गए।” उन्होंने कहा कि इन एमओयू का उदेश्ये दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और साझेदारी को मजबूत करना हैं।
10 एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये
ज्ञात हो कि दोनों देशों के इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच अंतर सरकारी ढांचा समझौता, डिजिटल अवसंरचना परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन, द्विपक्षीय निवेश संधि, हैरिटेज और म्यूजियम के क्षेत्र में एमओयू, दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल, त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों को आपस में जोड़ने पर समझौता, इसके अलावा घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्डों को आपस में जोड़ने पर समझौता हुआ है।
एमओयू से क्या लाभ होगा ?
द्विपक्षीय निवेश संधि- यह समझौता दोनों देशों में निवेश को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन- यह ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलता है। भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक अंतर सरकारी ढांचागत समझौता-यह इस मामले पर पिछली समझ और सहयोग पर आधारित होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग को बढ़ावा देगा। डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन – यह डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा और तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा। दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल – यह प्रोटोकॉल अभिलेखीय सामग्री की बहाली और संरक्षण सहित इस क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को आकार देगा।
दोनों देशों के बीच व्यवसाय को मिलेगा बढ़ावा
वहीं दूसरी तरफ विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के बीच व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य लोथल, गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में सहयोग करना है। त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों – यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को आपस में जोड़ने के बारे में जो समझौता हुआ है, इससे दोनों देशों के बीच सीमा पार लेनदेन की निर्बाध सुविधा मिलेगी।
वित्तीय क्षेत्र में सहयोग
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी की अबू धाबी यात्रा के दौरान पिछले साल जुलाई में हस्ताक्षरित इंटरलिंकिंग भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम पर समझौता ज्ञापन का परिणाम है। एक अन्य महत्वपूर्ण घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्डों – रुपे (भारत) और जयवान (यूएई) को आपस में जोड़ने पर समझौते को वित्तीय क्षेत्र में सहयोग कायम करने में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा सकता हैं, इससे पूरे संयुक्त अरब अमीरात में रुपे की सार्वभौमिक स्वीकृति बढ़ेगी।