World Book Fair: भारत और सऊदी अरब के सांस्कृतिक संबंधों की नई गाथा लिखेगा विश्व पुस्तक मेला
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाठकों को सऊदी अरब के प्रचुर साहित्य के साथ-साथ 16 विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा।
10 फरवरी से विश्व पुस्तक मेला नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित किया जा रहा है, जो 18 फरवरी तक चलेगा। इसके संबंध में आयोजकों द्वारा इस विश्व पुस्तक मेले के संबंध में विस्तार से जानकारी साझा की गई। विश्व पुस्तक मेले के आयोजक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने गुरुवार को कहा कि नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया द्वारा आयोजित पुस्तक मेला की थीम ‘बहुभाषी भारत एक जीवंत परंपरा’ रखी गई है। इस बार पुस्तक मेला का अतिथि देश सऊदी अरब है। सऊदी अरब और भारत का सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराना है और बदलते समय के साथ इसने नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि भारत भाषाओं से समृद्ध देश है। यहां भाषाओं की कोई सीमा नहीं है। भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिलता है। इसमें साहित्य की अहम भूमिका है। इस बार के विश्व पुस्तक मेले में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा।
‘पुस्तक मेला आयोजन नहीं है, एक उत्सव’
नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने विश्व पुस्तक मेले की जानकारी देते हुए कहा कि विश्व का सबसे बड़ा पुस्तक मेला केवल एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव है। इसमें पाठकों को पुस्तकों के साथ-साथ भारत की विविध संस्कृति और लोककला की झलक देखने को मिलेगी।
साहित्यिक उत्सव से भारत और सऊदी अरब के बीच प्रगाढ़ होंगे संबंध
सऊदी अरब की तरफ से द लिटरेचर, पब्लिशिंग एंड ट्रांसलेशन कमीशन के पब्लिशिंग जनरल मैनेजर डॉ अब्दुल लतीफ अल्वासिल ने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले के प्रति उत्साह व्यक्त करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाठकों को सऊदी अरब के प्रचुर साहित्य के साथ-साथ 16 विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियों का आनंद लेने का भी अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस साहित्यिक उत्सव से भारत और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक धरोहर, भाषा और संस्कृति की समझ को बढ़ावा मिलेगा तथा भारत व सऊदी अरब के अंतरराष्ट्रीय संबंध और भी प्रगाढ़ होंगे।
1000 से अधिक प्रकाशक
इस बार 1000 से अधिक प्रकाशक इसमें शामिल हो रहे हैं। पुस्तक मेले में थीम पवेलियन, अंतरराष्ट्रीय मंडप, बाल मंडप और ऑथर्स कॉर्नर के अलावा पहली बार एक बीटूबी जोन भी बनाया जाएगा। यहां मुख्य रूप से व्यापारिक बैठकें होंगी। हर साल की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में यूरोपियन देश भाग लेंगे। जर्मनी, फ्रांस, इटली, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, स्पेन जैसे देश भी मेले में शामिल होंगे। पाठकों को इस बार सऊदी अरब लेखक और साहित्यकार भी देखने को मिलेंगे। इस बार मेले में 1500 से अधिक प्रकाशक शामिल होंगे। सभी 22 भारतीय भाषाओं के साथ-साथ ही विदेशी भाषाओं में भी पुस्तकें उपलब्ध होंगी। हर साल की तरह इस साल भी विश्व पुस्तक मेले में स्कूली छात्रों, सीनियर सिटीजन और दिव्यांगजनों की एंट्री फ्री रहेगी। यही नहीं, वो बच्चे जो देख नहीं सकते, उनके लिए ब्रेल लिपि पुस्तकों की सुविधा भी होगी।