विदेश मंत्री एस. जयशंकर ईरान की दो दिवसीय यात्रा पर आज होंगे रवाना
विदेश मंत्री एस जयशंकर दोनों देशों के बीच चल रहे उच्च स्तरीय बैठक के हिस्से के रूप में 14 जनवरी को ईरान की यात्रा पर आज रवाना होंगे। विदेश मंत्रालय के मुताबिक वे 14 से 15 जनवरी तक ईरान के दौरे पर रहेंगे।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ईरानी विदेश मंत्री से करेंगे मुलाकात
अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर अपने ईरानी समकक्ष, होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से मिलकर द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा, राजनीतिक सहयोग, कनेक्टिविटी पहल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे चर्चा में शामिल होंगे। बता दें कि पिछले वर्ष नवंबर में ईरान की राजधानी तेहरान में 18वां भारत-ईरान विदेश कार्यालय परामर्श (FOC) आयोजित किया गया था। भारत का नेतृत्व विदेश सचिव विनय क्वात्रा और ईरान का नेतृत्व ईरानी उप विदेश मंत्री अली बाघेरी ने किया।
एफओसी के दौरान,दोनों देशों के बीच राजनीतिक, व्यापार और आर्थिक, सांस्कृतिक, लोगों से लोगों के संबंधों (पीपुल्स टू पीपुल्स )डायलॉग, चाबहार बंदरगाह सहित कनेक्टिविटी परियोजनाओं, कृषि सहयोग और क्षमता निर्माण सहित कई द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा हुई। उन्होंने वर्तमान में चल रहे क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की। भारत और ईरान के बीच परस्पर संबंधों का हजारों साल पुराना इतिहास रहा है। वर्तमान में भी दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ है। विदेश मंत्री की यह यात्रा साझा मूल्यों और हितों वाले इन दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूती मिलने की संभावना है।
चाबहार पोर्ट डील में भारत और ईरान की प्रगति
भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह सौदे पर आगे बढ़ रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण विकास है। बता दें कि चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए 2016 में समझौते की शुरुआत हुई भारत द्वारा एक दशक तक शाहिद बेहिश्ती टर्मिनल के विकास और संचालन पर केंद्रित था। हालाँकि, विवादों के कारण, विशेष रूप से मध्यस्थता के क्षेत्राधिकार पर, अंतिम रूप देने में देरी का सामना करना पड़ा।
चाबहार बंदरगाह भारत को एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक व्यापार मार्ग प्रदान करता है, जो पाकिस्तान पर निर्भरता को कम करेगा यह अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए भी रास्ते खोलेगा है, इससे न केवल भारत को आर्थिक बल्कि क्षेत्र में भारत के रणनीतिक प्रभाव को बढ़ाएगा।