PM मोदी आज लाल किला में करेंगे आईएएडीबी सम्मेलन का उद्घाटन
आईएएडीबी को सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करने के लिए कलाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनर्स, फोटोग्राफर्स, संग्राहकों, कला पेशेवरों और जनता के बीच समग्र बातचीत शुरू करने के लिए डिजाइन किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शुक्रवार शाम करीब चार बजे लाल किला पर आयोजित होने वाले पहले भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक (आईएएडीबी) सम्मेलन 2023 का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन और विद्यार्थी द्विवार्षिक सम्मेलन-समुन्नति का भी उद्घाटन करेंगे। आईएएडीबी सम्मेलन का समापन 15 दिसंबर को होगा।
आईएएडीबी सम्मेलन सांस्कृतिक संवाद को करेगा मजबूत
यह जानकारी पीआईबी द्वारा दी गई है, जिसके अनुसार यह हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय एक्स-पो (मई 2023) और पुस्तकालय महोत्सव (अगस्त 2023) जैसी प्रमुख पहल का अनुसरण करता है। आईएएडीबी को सांस्कृतिक संवाद को मजबूत करने के लिए कलाकारों, वास्तुकारों, डिजाइनर्स, फोटोग्राफर्स, संग्राहकों, कला पेशेवरों और जनता के बीच समग्र बातचीत शुरू करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह उभरती अर्थव्यवस्था के हिस्से के रूप में कला, वास्तुकला और डिजाइन के रचनाकारों के साथ विस्तार और सहयोग करने के रास्ते और अवसर भी प्रदान करेगा।
प्रत्येक दिन अलग थीम के साथ लगेगी प्रदर्शनी
भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक (आईएएडीबी) सप्ताह के प्रत्येक दिन अलग-अलग विषय पर आधारित प्रदर्शनियों का आयोजन करेगा।
दिन 1: प्रवेश – मार्ग का अनुष्ठान: भारत के दरवाजे
दिन 2: बाग ए बहार: ब्रह्मांड के रूप में उद्यान: भारत के उद्यान
दिन 3: सम्प्रवह: समुदायों का संगम: भारत की बावलीदिन 4: स्थापत्य: एंटी फ्रैजाइल एल्गोरिथम: भारत के मंदिर
दिन 5: विस्मया: क्रिएटिव क्रॉसओवर: स्वतंत्र भारत के वास्तुशिल्प चमत्कार
दिन 6: देशज भारत डिजाइन: स्वदेशी डिजाइन
दिन 7: समत्व: निर्मित को आकार देना: वास्तुकला में महिलाओं का उत्सव मनाना
विद्यार्थियों को अपना काम प्रदर्शित करने का मिलेगा अवसर
भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक (आईएएडीबी) में उपरोक्त विषयों पर आधारित मंडप, पैनल चर्चा, कला कार्यशालाएं, कला बाजार, हेरिटेज वॉक और एक समानांतर विद्यार्थी द्विवार्षिकसम्मेलन शामिल होंगे। ललित कला अकादमी में विद्यार्थी द्विवार्षिक (समुन्नति) सम्मेलन विद्यार्थियों को अपना काम प्रदर्शित करने, साथियों और पेशेवरों के साथ बातचीत करने और डिजाइन प्रतियोगिता, विरासत के प्रदर्शन, स्थापना डिजाइन, कार्यशालाओं आदि के माध्यम से वास्तुकला समुदाय के भीतर मूल्यवान अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।भारतीय कला, वास्तुकला और डिजाइन द्विवार्षिक (आईएएडीबी) 23 तारीख देश के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित होने वाला है क्योंकि यह भारत को द्विवार्षिक परिदृश्य में प्रवेश करने की शुरुआत करेगा।
कारीगर समुदायों को भी नए डिजाइन और नवाचारों के साथ बनाएगा सशक्त
प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ यानी स्थानीय को अपनाएं दृष्टिकोण के अनुरूप, लाल किला पर ‘आत्मनिर्भर भारत सेंटर फॉर डिजाइन’ स्थापित किया जा रहा है। यह भारत के अद्वितीय और स्वदेशी शिल्प का प्रदर्शन करेगा और कारीगरों और डिजाइनरों के बीच एक सहयोगी स्थान प्रदान करेगा।एक स्थायी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करते हुए, यह कारीगर समुदायों को नए डिजाइन और नवाचारों के साथ सशक्त बनाएगा।