सरकार ने प्रमुख आयातित कच्चे खाद्य तेलों पर मूल सीमा शुल्क को 20 प्रतिशत से घटाकर किया दस प्रतिशत

केंद्र सरकार ने कच्चे खाद्य तेलों जैसे कि कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) को 20% से घटाकर 10% कर दिया है। इस फैसले के चलते कच्चे और रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच आयात शुल्क में अंतर 8.75% से 19.25% हो गया है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए बताया, इस बदलाव का मकसद सितंबर 2024 में शुल्क वृद्धि और अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों में समवर्ती वृद्धि के नतीजतन खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों के मुद्दे का हल निकालना है।
खाद्य तेल संघों और उद्योग के हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक सलाह भी जारी की गई है, कि कम किए गए शुल्क का पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया जाए।
कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच 19.25% शुल्क अंतर, घरेलू शोधन क्षमता उपयोग को प्रोत्साहित करने और रिफाइंड तेलों के आयात को कम करने में मदद करता है।
खाद्य तेलों पर आयात शुल्क उन अहम कारकों में से एक है, जिसके चलते खाद्य तेलों को पहुंचाने की लागत और उसके कारण घरेलू कीमतें प्रभावित होती है।
मंत्रालय ने कहा कि कच्चे तेलों पर आयात शुल्क कम करके, सरकार का मकसद खाद्य तेलों को पहुंचाने की लागत और खुदरा कीमतों को कम करना है, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी और मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी। कम किए गए शुल्क से घरेलू रिफाइनिंग को भी बढ़ावा मिलेगा और किसानों के लिए उचित मुआवज़ा भी सुनिश्चित हो सकेगा।