प्रधानमंत्री मोदी और पैराग्वे के राष्ट्रपति की बीच हुई मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में पैराग्वे के राष्ट्रपति सैंटियागो पेना पलासिओस से मुलाकात की। बैठक के दौरान दोनों नेताओं द्वारा द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा किए जाने की उम्मीद है। बताना चाहेंगे पलासिओस प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर भारत की तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पैराग्वे के राष्ट्रपति से की मुलाकात
इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने राष्ट्रपति पलासिओस से मुलाकात की और कई क्षेत्रों में भारत-पराग्वे सहयोग को बढ़ाने के लिए उनकी सकारात्मक भावनाओं और मार्गदर्शन की सराहना की। डॉ. एस. जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पलासिओस की बातचीत से पैराग्वे और दक्षिण अमेरिकी क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव के नए रास्ते खुलेंगे। उनका राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मिलने का कार्यक्रम है।
राष्ट्रपति पेना बुधवार को पैराग्वे लौटने से पहले मुंबई भी जाएंगे। मुंबई में राष्ट्रपति पेना राज्य के राजनीतिक नेताओं, व्यापार और उद्योग के प्रतिनिधियों और तकनीकी नेताओं से मुलाकात करेंगे।
पैराग्वे के राष्ट्रपति की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण
बताया जा रहा है कि पैराग्वे के राष्ट्रपति पेना की यह यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है। भारत के पैराग्वे के साथ बेहद महत्वपूर्ण संबंध है और इन्हीं संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ता प्रदान करने के लिए यह यात्रा और अधिक खास हो जाती है।
पैराग्वे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार
पैराग्वे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है। ज्ञात हो, राष्ट्रपति पेना की यह पहली भारत यात्रा है और पैराग्वे के किसी राष्ट्रपति की अब तक की दूसरी यात्रा है।
भारत और पैराग्वे के बीच 1961 में राजनयिक संबंध हुए स्थापित
गौरतलब हो, भारत और पैराग्वे के बीच 1961 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए जिससे दशकों से दोनों देशों के बीच मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध कायम हुए हैं। दोनों देशों ने व्यापार, कृषि, स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स और सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग विकसित किया है।
ऑटोमोबाइल और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों में कई भारतीय कंपनियों की उपस्थिति पैराग्वे में है। पैराग्वे की कंपनियों की भारत में भी उपस्थिति है, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में योगदान देती है। दोनों देश संयुक्त राष्ट्र सुधार, जलवायु परिवर्तन, नवीकरणीय ऊर्जा और आतंकवाद का मुकाबला करने सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर समान विचार साझा करते हैं। पैराग्वे गणराज्य ने मार्च 2006 में भारत में अपना दूतावास खोला और अब मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में इसके मानद वाणिज्य दूतावास हैं।