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भारतीय चाय की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए नए-नए रास्ते तलाशने की आवश्यकता : जितिन प्रसाद

भारतीय चाय की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए नए-नए रास्ते तलाशने की आवश्यकता : जितिन प्रसाद
  • PublishedMay 22, 2025

अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस के अवसर पर कल बुधवार को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य भवन में अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में उद्योग के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया तथा भारतीय चाय प्रशंसा क्षेत्र की विशेषता बताई गई।

सम्मेलन में वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने अपने मुख्य भाषण के दौरान चाय उद्योग के स्टेकहोल्डर्स के लिए प्रोत्साहन भरे शब्द कहे। उन्होंने देश के सामाजिक-आर्थिक ढांचे में चाय के महत्व को पहचानने तथा भारतीय चाय की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए नए-नए रास्ते तलाशने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि चाय निर्यात में वैश्विक दिग्गज के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया जा सके।

जितिन प्रसाद ने भारतीय चाय उद्योग को निर्यात परिदृश्य में और अधिक ऊंचाइयां हासिल करने तथा विशेष रूप से युवाओं और विशिष्ट बाजारों को ध्यान में रखकर चाय की नई और अभिनव किस्मों के साथ खुद को फिर से स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि हमें उत्पादक से लेकर उपभोक्ता तक पूरी सप्लाईचेन में सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए सर्वोत्तम सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।

वहीं, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सचिव सुनील बर्थवाल ने अपना विशेष संबोधन दिया। उन्होंने देश के विभिन्न चाय उत्पादक क्षेत्रों जैसे कांगड़ा, असम, दार्जिलिंग, उत्तराखंड आदि की अपनी यात्राओं के बारे में रोचक किस्से साझा किए। उन्होंने आम जनता के बीच विभिन्न प्रचार और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से ‘चाय साक्षरता’ बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि वे भारतीय चाय की विभिन्न विशेषताओं और बारीकियों की बेहतर सराहना कर सकें।

इसके अलावा, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और चाय उद्योग के स्टेकहोल्डर्स सहित सम्मानित दर्शकों के लिए एक विशेष चाय चखने का सत्र आयोजित किया गया, जिसमें एक प्रसिद्ध पेशेवर चाय चखने वाले ने पेशेवर चाय चखने की बारीकियों के बारे में बोलते हुए एक ज्ञानवर्धक सत्र के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

दिलचस्प और संवादात्मक चाय चखने के सत्रों के बाद, विभिन्न विषयों पर पैनल चर्चाएँ आयोजित की गईं, जैसे कि “ऑर्गेनिक चाय: भविष्य का टिकाऊ रास्ता”, “वैश्विक उपभोग पैटर्न – नए युग की चाय और युवा जुड़ाव”, “भारतीय चाय – भविष्य की ओर देखना” आदि। चर्चाओं के दौरान कई बिंदुओं को उठाया गया और गुणवत्ता नियंत्रण उपायों के अलावा व्यापक ब्रांडिंग और विपणन पहलों के माध्यम से भारतीय चाय के लिए एक उज्जवल भविष्य को आकार देने के लिए अभिनव विचारों पर विचार-विमर्श किया गया।