भारत ने ब्रिक्स शेरपा बैठक में हिस्सा लिया, बहुपक्षीय सहयोग और सतत विकास पर हुई चर्चा

भारत ने ब्रिक्स (BRICS) शेरपा बैठक में भाग लिया, जो बीते शुक्रवार को रियो डी जनेरियो में आयोजित की गई। इस बैठक में भारत की ओर से विदेश मंत्रालय के सचिव (आर्थिक संबंध) डम्मू रवि ने प्रतिनिधित्व किया। बैठक के दौरान ब्रिक्स देशों ने मिलकर बहुपक्षीय सहयोग, सतत विकास और सदस्य देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि इस बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई। इससे पहले 24-25 मार्च को ब्राजीलिया में 10वीं ब्रिक्स नीति योजना संवाद बैठक भी आयोजित हुई थी, जिसमें भारत की ओर से संयुक्त सचिव रघुराम एस. ने भाग लिया था। इस बैठक में हाल ही में ब्रिक्स में शामिल नए देशों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
ब्रिक्स की हाल की बैठकों में स्वास्थ्य, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर खास ध्यान दिया गया है। भारत सहित सदस्य देशों ने बहुपक्षीय ढांचे में सुधार और एकजुट होकर वैश्विक चुनौतियों से निपटने की बात कही।
ब्रिक्स अब 11 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं का समूह है, जो दुनिया की लगभग 49.5% जनसंख्या, 40% वैश्विक जीडीपी और 26% वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। इसकी शुरुआत 2006 में रूस, भारत और चीन के नेताओं की बैठक से हुई थी, और 2009 में पहला ब्रिक्स शिखर सम्मेलन रूस के येकातेरिनबर्ग में आयोजित हुआ था। 2010 में दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल कर इसे BRICS नाम दिया गया।
वहीं 2024 में ब्रिक्स का विस्तार हुआ और इसमें मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया गया। 2025 की शुरुआत में इंडोनेशिया भी पूर्ण सदस्य बना, जबकि बेलारूस, बोलीविया, कजाकिस्तान, क्यूबा, मलेशिया, नाइजीरिया, थाईलैंड, युगांडा और उज्बेकिस्तान को भागीदार देश बनाया गया।