किसानों के कल्याण लिए कृषि मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 1.37 लाख करोड़ रुपये किया गया : केंद्र

केंद्र सरकार ने किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लिए बजट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। 2025-26 में इस मंत्रालय का बजट बढ़ाकर 1,37,756.55 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 2024-25 के 1,32,469.86 करोड़ रुपये से अधिक है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत भी सरकार ने कई सुधार किए हैं, जिससे बीमा कंपनियों द्वारा वसूला जाने वाला प्रीमियम कम किया गया है। 2020-21 में प्रीमियम दर 15.9% थी, जो 2023-24 में घटकर 10.8% हो गई। इसके चलते सरकार की प्रीमियम देनदारी भी कम हो गई है। 2024-25 के लिए संशोधित अनुमान (RE) में फंड बढ़ाकर 15,864 करोड़ रुपये किया गया है, जो बजट अनुमान (BE) में 14,600 करोड़ रुपये था।
इसके अलावा, 1 जनवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (NER) के लिए 10% अनिवार्य आवंटन से छूट दी है। इससे पहले वर्षों में जो फंड बचा था, अब उसे गैर-NER राज्यों में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया गया है, जिससे पुरानी देनदारियां काफी कम हो जाएंगी। 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का बजट 12,242 करोड़ रुपये तय किया गया है। कैबिनेट ने 2021-22 से 2025-26 के लिए योजना के तहत कुल 69,515.71 करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दी है, जिससे जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त फंड आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
केंद्र सरकार के मुताबिक, अधिकतर दावे बीमा कंपनियों द्वारा तय समय सीमा में निपटा दिए जाते हैं। हालांकि, पहले बीमा कंपनियों द्वारा दावों के भुगतान में देरी, बैंकों की गलत या विलंबित बीमा प्रस्ताव रिपोर्ट, राज्यों और कंपनियों के बीच डेटा में अंतर, राज्य सरकार का फंड देर से जारी होना और बीमा कंपनियों द्वारा पर्याप्त स्टाफ की तैनाती न करने जैसी शिकायतें आई थीं। इन समस्याओं को योजना के नियमों के अनुसार सुलझा लिया गया है।
किसानों की समस्याओं को सुलझाने के लिए सरकार ने शुरू की कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन नंबर
किसानों की शिकायतों का समाधान करने के लिए सरकार ने जिला स्तर (DGRC) और राज्य स्तर (SGRC) पर शिकायत निवारण समिति बनाई है। ये समितियां तय प्रक्रिया के तहत किसानों की शिकायतों का निपटारा करती हैं। सरकार ने कृषि रक्षक पोर्टल और हेल्पलाइन (KRPH) भी शुरू किया है। इसके लिए टोल फ्री नंबर 14447 जारी किया गया है, जिसे बीमा कंपनियों के डेटाबेस से जोड़ा गया है। किसान इस नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, जिनका तय समय में समाधान किया जाएगा।
बीमा कंपनियों की निगरानी के लिए सरकार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, एक-एक बैठक और राष्ट्रीय समीक्षा सम्मेलन के माध्यम से नियमित रूप से निगरानी करती है। किसानों को पारदर्शी तरीके से लाभ दिलाने के लिए सरकार ने योजना की ऑपरेशनल गाइडलाइंस में समय-समय पर संशोधन किए हैं, ताकि किसानों को समय पर और सही तरीके से मुआवजा मिल सके।