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प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के बावलियाली धाम में एक कार्यक्रम को किया संबोधित

प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के बावलियाली धाम में एक कार्यक्रम को किया संबोधित
  • PublishedMarch 21, 2025

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को गुजरात के बावलियाली धाम में एक भव्य धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारतीय संस्कृति, धर्म और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने गुजरात के लोगों से कहा कि पहले किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड था, अब हमने पशुपालकों के लिए भी क्रेडिट कार्ड देने का निश्चय किया है। इस कार्ड से ये पशुपालक बैंक में से कम ब्याज पर पैसे ले सकते हैं और अपना व्यापार बढ़ा सकते हैं।

पीएम मोदी ने धार्मिक स्थलों के संरक्षण,आध्यात्मिक विकास और आधुनिक भारत के निर्माण को लेकर सरकार की योजनाओं का उल्लेख किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मैं महंत श्री राम बापू जी और बावलिया धाम के पावन अवसर पर मुझे सहभागी बनाने के लिए उनका आभार मानता हूं। भरवाड समाज के साथ, बावलियाधाम के साथ मेरा संबंध आज कल का नहीं, काफी पुराना है। भरवाड समाज की सेवा और उनका प्रकृति प्रेम, गौ सेवा को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

उन्होंने कहा, हमारे गुजरात में सूखा पड़ना नई बात नहीं। एक समय था, दस में से सात साल सूखा पड़ता था। गुजरात में तो कहा जाता था कि पुत्री का धंधूका (सूखाग्रस्त इलाका) में ब्याह मत कराना। (गुजराती– बंदूके देजो पण धंधूके न देता का अर्थ है कि पुत्री का ब्याह धंधूका 9 (सूखाग्रस्त इलाका) में मत करवाना, जरूर हो तो गोली से उडा देना (बंदूके देजो) पर धंधूका (सूखाग्रस्त इलाका) में ब्याह मत करवाना … (इसका कारण था कि तब धंधूका में सूखा पड़ता था) धंधूका, राणपुर भी पानी के लिए तड़पने वाला स्थान था। और उस समय, पूज्य इसु बापू ने जो सेवा की है, पीड़ितों की जो सेवा की है वह प्रत्यक्ष नजर आती है। केवल मैं नहीं, पूरे गुजरात में लोग उनके कार्यों को देवकार्य के रूप में मानते हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमारे यहां चरवाह, बलुवा समाज की परंपरा के बारे लोगों को कम पता है। भरवाड समाज के बड़े-बुजुर्ग वृद्धाश्रम में नहीं मिलेंगे। संयुक्त परिवार, बड़ों की सेवा का भाव जैसे कि परमात्मा की सेवा का भाव है उनमें। बड़ों को वृद्धाश्रम में नहीं भेजते, वे लोग उनकी सेवा करते हैं। यह संस्कार जो नई पीढ़ी को दिए हैं, यह बहुत बड़ी बात है। भरवाड समाज के सामाजिक जीवन के नैतिक मूल्य, उनमें पारिवारिक मूल्यों को हमेशा मजबूत बनाने के लिए पीढ़ी दर पीढ़ी प्रयास हुआ है। मुझे संतोष है कि हमारा समाज हमारी परंपराओं को संभाल भी रहा है और आधुनिकता की ओर तेज गति से आगे भी बढ़ रहा है। स्थानांतरित जाति के परिवार के बच्चे पढ़े, उनके लिए छात्रावास की सुविधा बने, यह भी एक प्रकार की बडी सेवा है। समाज को आधुनिकता के साथ जोड़ने का काम, देश को दुनिया के साथ जोड़ने वाले नये अवसर बने, यह भी सेवा का बड़ा कार्य है। अब मेरी इच्छा है कि हमारी लड़कियां खेल-कूद में भी आगे आये उसके लिए हमें काम करना होगा।

उन्होंने कहा की भारत को विकसित भारत बनाने का प्रथम पड़ाव हमारे गांव को विकसित करना है। पीएम मोदी ने लोगों को बताया की भारत सरकार की एक योजना चलती है, और वह संपूर्ण नि:शुल्क है – फुट एन्ड माउथ डिसिज जिसे हमारे यहां खूरपका, मुंहपका कहकर की बीमारी के रूप में जानते हैं। उसमें लगातार वैक्सीन लेनी पड़ती है, तभी हमारे पशु इस बीमारी से बाहर आ सकते है। अब सरकार मुफ्त वैक्सीन देती है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमें हमारे समाज के पशुधन को यह वैक्सीन अवश्य करायें, नियमित कराएँ।

कल गुरुवार को अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने वृक्षारोपण का महत्व के बारे में भी कहा, उन्होंने कहा, ” इस साल मैंने अभियान चलाया जिसकी वाहवाही दुनिया के लोग कर रहे हैं। एक पेड मां के नाम, हमारी मां जीवित है तो उसकी उपस्थिति में और यदि मां जीवित नहीं है तो उनकी फोटो को सामने रखकर एक पेड़ उगाएँ।

उन्होंने लोगों को प्राकृतिक खेती को महत्ता बताई और हुए कहा कि जिसके पास जमीन है, अवसर है, प्राकृतिक खेती करें।