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‘सागरमाला 2.0’ से 12 लाख करोड़ रुपए के निवेश को मिलेगा बढ़ावा : केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल

‘सागरमाला 2.0’ से 12 लाख करोड़ रुपए के निवेश को मिलेगा बढ़ावा : केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल
  • PublishedMarch 20, 2025

चौथी राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (एनएसएसी) की बैठक में बुधवार को बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देने और देश के समुद्री बुनियादी ढांचे को बढ़ाने का फैसला किया गया। बैठक में बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (एमओपीएसडब्ल्यू) के प्रमुख कार्यक्रम ‘सागरमाला’ के तहत प्रमुख परियोजनाओं के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई। अगली ‘सागरमाला 2.0’ पहल एक विजनरी अपग्रेड है, जिसमें जहाज निर्माण, मरम्मत, तोड़ने और रीसाइक्लिंग पर नया ध्यान दिया जाएगा। वहीं, 40,000 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से इसका लक्ष्य अगले दशक में 12 लाख करोड़ रुपए के निवेश को बढ़ावा देना है।

पीएम मोदी का विजन भारत को वैश्विक समुद्री नेता के रूप में स्थापित करना

केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, “सागरमाला भारत के समुद्री क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को सामने लाने में एक महत्वपूर्ण परिवर्तनकर्ता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, दशकों से उपेक्षित समुद्री क्षेत्र का विशाल मूल्य सागरमाला के साथ महसूस किया गया। जैसे-जैसे हम सागरमाला 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं, हमारा ध्यान नए निवेशों के साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की कमी को पूरा करने, तटीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप भारत को वैश्विक समुद्री नेता के रूप में स्थापित करने पर है।”

कार्यक्रम के तहत 5.79 लाख करोड़ रुपए की 839 परियोजनाओं पर काम

सागरमाला कार्यक्रम के तहत 5.79 लाख करोड़ रुपए की 839 परियोजनाओं पर काम कर रहा है, जिसमें 1.41 लाख करोड़ रुपए के निवेश से 272 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। सागरमाला के अंतर्गत 2.91 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली 234 बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 103 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिससे 230 एमटीपीए क्षमता बढ़ी है।

92 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं

वहीं, कनेक्टिविटी के क्षेत्र में 2.06 लाख करोड़ रुपए की लागत वाली 279 परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें से 92 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिससे 1,500 किलोमीटर बंदरगाह संपर्क को बढ़ावा मिलेगा।

नौ भारतीय बंदरगाह विश्व के शीर्ष 100 में शामिल हैं

आपको बता दें, सागरमाला ने भारत के बंदरगाहों को तीव्र बनाया है, तटीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिया है, अंतर्देशीय जलमार्गों को पुनर्जीवित किया है और वैश्विक रसद रैंकिंग में सुधार किया है। एक दशक में तटीय नौवहन में 118% की वृद्धि हुई, रो-पैक्स नौकाओं ने 40 लाख से अधिक यात्रियों को आवागमन की सुविधा प्रदान की तथा अंतर्देशीय जलमार्ग कार्गो में 700% की वृद्धि हुई। नौ भारतीय बंदरगाह विश्व के शीर्ष 100 में शामिल हैं, जिनमें विजाग शीर्ष 20 कंटेनर बंदरगाहों में शामिल है। गौरतलब हो, भारतीय बंदरगाह अब प्रमुख मापदंडों पर कई उन्नत समुद्री देशों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सागरमाला कार्यक्रम ने भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को काफी उन्नत किया

पिछले 10 वर्षों में, सागरमाला कार्यक्रम ने भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को काफी उन्नत किया है। लगभग 32,600 करोड़ रुपए मूल्य की 100 से अधिक बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजनाओं ने बंदरगाह क्षमता में 230 एमटीपीए की वृद्धि की है।

इसके अतिरिक्त, लगभग ₹52,000 करोड़ की लागत वाली 80 से अधिक बंदरगाह कनेक्टिविटी परियोजनाओं ने बंदरगाहों तक 1,500 किलोमीटर की कनेक्टिविटी बढ़ाई है। तटीय सामुदायिक विकास स्तंभ के तहत, मछली पकड़ने के बंदरगाह परियोजनाओं ने 30,000 से अधिक मछुआरों को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

इसके अलावा, मंत्रालय ने सागरमाला योजना के तहत तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में लगभग ₹10,000 करोड़ की 119 परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

आपको बता दें, सागरमाला परियोजना के तहत बंदरगाह आधारित विकास की योजना बनाने और उसे लागू करने के लिए मई 2015 में राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति (एनएसएसी) का गठन किया गया था। एनएसएसी सागरमाला कार्यक्रम के नीति निर्देशन और निगरानी के लिए सर्वोच्च निकाय है।