‘उपभोक्ता संरक्षण’ को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने मिलाया मेटा से हाथ

सरकार के फ्लैगशिप प्रोग्राम ‘जागो ग्राहक जागो’ के तहत भारतीय ग्राहकों को डिजिटल साक्षरता पहल के जरिए सशक्त बनाने के लिए केंद्र और मेटा ने हाथ मिलाया है। संयुक्त अभियान ‘बी एन एम्पावर्ड कंज्यूमर’ का उद्देश्य भारतीय ग्राहकों को शिक्षित करते हुए उन्हें ऑनलाइन खतरों की पहचान करना और स्वस्थ ऑनलाइन आदतों से रूबरू कराना है। इस अभियान के तहत भारतीय ग्राहकों को मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करना, ऑनलाइन जानकारियों को वेरिफाई करना और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करना सिखाया जाएगा।
नागरिकों को नॉलेज और टूल्स के साथ सशक्त करने की पहल
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि वे नागरिकों को नॉलेज और टूल्स के साथ सशक्त करने की इस पहल में मेटा के साथ पार्टनरशिप को लेकर उत्साहित हैं। इस पहल के साथ नागरिकों की डिजिटल लैंडस्केप को नेविगेट करने के साथ खुद को ऑनलाइन सुरक्षित रखने की समझ बढ़ेगी।
भारतीय उपभोक्ता को सशक्त बनाने के हमारे कमिटमेंट को पूरा करेगा
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सस्टेनेबल और सुरक्षित डिजिटल एक्सपीरियंस के लिए ‘उपभोक्ता जागरूकता’ अहम है। यह अभियान उपभोक्ता सुरक्षा उपायों को मजबूत करेगा और भारतीय उपभोक्ता को सशक्त बनाने के हमारे कमिटमेंट को पूरा करेगा।” केंद्रीय मंत्री को आईआईटी बॉम्बे के साथ संयुक्त रूप से एक परियोजना के बारे में भी अपडेट दिया गया।
चैटबॉट उपभोक्ता तक उनके अधिकारों की जानकारी की पहुंच को मजबूत करेगा
इस सहयोग का उद्देश्य मेटा के लार्ज लैंग्वेज मॉडल एलएलएएमए-2 का लाभ उठाते हुए एक एआई ड्रिवन- सिटिजन सेंट्रिक चैटबॉट को डेवलप करना है। चैटबॉट उपभोक्ता तक उनके अधिकारों की जानकारी की पहुंच को मजबूत करेगा। यह एक मजबूत शिकायत सहायता टूल होगा जो लोगों को शिकायत दर्ज करने और उनके निवारण पर तेजी से काम करेगा। चैटबॉट अभी क्लोज्ड ग्रुप बीटा टेस्टिंग के लिए तैयार है और टेस्टिंग पूरी होने के बाद इसे आधिकारिक तौर पर लॉन्च किया जाएगा और डीओसीए की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों को सुरक्षित और जानकारियों से लैस करने में मदद कर सकता है
मेटा के चीफ ग्लोबल अफेयर्स ऑफिसर जोएल कापलान ने कहा कि वे उपभोक्ता मामलों के विभाग के साथ काम करने और भारत के डिजिटल उपभोक्ता संरक्षण में योगदान देने की पेशकश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों को खुद को सुरक्षित और जानकारियों से लैस रखने में मददगार हो सकता है। इससे एआई तक लोगों की पहुंच सुलभ बनाने के साथ हमें उपभोक्ता जागरूकता और शिकायतों का तेजी से समाधान करने की दिशा में सुधार की उम्मीद है।”