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जनवरी में यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक, मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक

जनवरी में यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक, मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक
  • PublishedFebruary 28, 2025

नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी महीने में पहली बार यूपीआई ट्रांजैक्शन 16.99 बिलियन से अधिक हुआ और मूल्य 23.48 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो किसी भी महीने में दर्ज की गई सबसे बड़ी संख्या है।

यूपीआई भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की आधारशिला बना हुआ है, जो देश भर में खुदरा भुगतानों में 80 प्रतिशत का योगदान देता है। वित्त वर्ष 2023-24 में डिजिटल पेमेंट में जबरदस्त उछाल दिखा।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए टोटल ट्रांजैक्शन की मात्रा 131 बिलियन से अधिक हो गई और मूल्य 200 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

वित्त मंत्रालय के अनुसार, भाग लेने वाले बैंकों और फिनटेक प्लेटफार्मों के बढ़ते नेटवर्क के साथ-साथ उपयोग में आसानी ने यूपीआई को देश भर में लाखों यूजर्स के लिए रियल-टाइम पेमेंट का पसंदीदा तरीका बना दिया है।

जनवरी तक 80 से अधिक यूपीआई ऐप (बैंक ऐप और थर्ड-पार्टी एप्लिकेशन प्रोवाइडर) और 641 बैंक वर्तमान में यूपीआई इकोसिस्टम पर लाइव हैं। वित्त वर्ष 2024-25 (जनवरी तक) में, पीटूएम ट्रांजैक्शन ने 62.35 प्रतिशत और पीटूपी ट्रांजैक्शन ने कुल यूपीआई वॉल्यूम का 37.65 प्रतिशत योगदान किया।

जनवरी 2025 में पीटूएम ट्रांजैक्शन का योगदान 62.35 प्रतिशत तक पहुंच गया, जहां इनमें से 86 प्रतिशत ट्रांजैक्शन 500 रुपये तक के मूल्य के हैं। मंत्रालय ने कहा कि यह दर्शाता है कि कम मूल्य के भुगतान करने के लिए नागरिकों के बीच यूपीआई पर कितना भरोसा है।

कैम्ब्रिज बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर कार्लोस मोंटेस के अनुसार, यूपीआई दूसरे देशों को भारतीय अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करता है।

मोंटेस, जो शुक्रवार को भारत मंडपम में एनएक्सटी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत के दौरे पर हैं, को यूपीआई सिस्टम के कामकाज और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी गई। मोंटेस को यूपीआई पर एक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें भारत में यूपीआई की कार्यप्रणाली, सफलता और रुझानों के बारे में बताया गया।

यूपीआई वैश्विक स्तर पर तेजी से फैल रहा है, जिससे विदेश यात्रा करने वाले भारतीयों के लिए सीमा पार ट्रांजैक्शन में आसानी हो रही है।

वर्तमान में, यूपीआई 7 से अधिक देशों में उपलब्ध है, जिसमें यूएई, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस, मॉरीशस जैसे प्रमुख बाजार शामिल हैं, जिससे भारतीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भुगतान कर सकते हैं।