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पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक, ‘मोटो’ ‘मागा’ से ‘मिगा’ जोड़ दिखाई ‘मेगा’ साझेदारी की राह

पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक, ‘मोटो’ ‘मागा’ से ‘मिगा’ जोड़ दिखाई ‘मेगा’ साझेदारी की राह
  • PublishedFebruary 14, 2025

अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय चर्चा के बाद व्हाइट हाउस में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। यहीं पर प्रधानमंत्री ने अमेरिका के मागा और भारत के मिगा से कनेक्ट करते हुए साझेदारी को मेगा नाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ को भारत के ‘विकसित भारत संकल्प’ का पर्याय बताया।

भारत और अमेरिका का सहयोग एक बेहतर विश्व को शेप कर सकता है

इस संबंध में पीएम मोदी ने कहा, “आज की चर्चाओं में उनके पहले कार्यकाल में हमारे उपलब्धियों का संतोष और गहरे आपसी विश्वास का सेतु था और नए लक्ष्य हासिल करने का संकल्प भी था। भारत और अमेरिका का सहयोग एक बेहतर विश्व को शेप कर सकता है… अमेरिका के लोग राष्ट्रपति ट्रंप के मोटो मागा – ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ से परिचित हैं। भारत के लोग भी विरासत और विकास की पटरी पर ‘विकसित भारत 2047’ के दृढ़ संकल्प को लेकर तेज गति शक्ति से विकास की ओर अग्रसर हैं। अमेरिका की भाषा में कहूं तो विकसित भारत का मतलब ‘मेक इंडिया ग्रेट अगेन’ यानि ‘मिगा’ है। जब अमेरिका और भारत साथ मिलकर काम करते हैं, यानि मागा प्लस ‘मिगा’, तब बन जाता है – “मेगा” पार्ट्नर्शिप फॉर प्रोस्पेरिटी और यही मेगा हमारे लक्ष्यों को नया स्केल और स्कोप देती है।”

दोनों नेताओं ने भविष्य की रणनीति सबके समक्ष रखी

इस साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों नेताओं ने भविष्य की रणनीति सबके समक्ष रखी। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी झड़पों को “काफी हिंसक” बताते हुए इस विवाद को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की। उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका और रूस जैसे बड़े देशों को भी साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि दुनिया में शांति बनी रहे।दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी होगी और गहरी अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था। अब यह देखना बाकी है कि ट्रंप भारत-चीन विवाद में अपनी मध्यस्थता की पेशकश को कितनी गंभीरता से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई योजनाएं बनाई गई हैं, जिससे दोनों देशों की दोस्ती और साझेदारी और गहरी होगी।

भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा अमेरिका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की कि अमेरिका भारत को अरबों डॉलर के रक्षा उपकरण बेचेगा और भविष्य में भारत को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स देने की दिशा में भी काम किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2017 में उनके प्रशासन ने क्वाड सुरक्षा साझेदारी को फिर से सक्रिय किया, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी

उन्होंने कहा कि यह सहयोग इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है। इसके अलावा, ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रयासों पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देश कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए पहले से ज्यादा मजबूती से साथ काम करेंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति ने की तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा

अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने इस दौरान तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण की भी घोषणा की। राणा पर 2008 के मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है, और हाल ही में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इससे भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी सफलता मिलने की उम्मीद है।