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पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर कैबिनेट के निर्णय को बताया- ‘आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम’

पीएम मोदी ने महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर कैबिनेट के निर्णय को बताया- ‘आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम’
  • PublishedJanuary 30, 2025

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने महत्वपूर्ण खनिजों के बारे में केन्द्रीय मंत्रिमंडल के बुधवार के फैसले को आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। सोशल मीडिया पोस्‍ट में प्रधानमंत्री ने कहा कि नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन-एन.सी.एम.एम. से संबंधित मंत्रिमंडल के फैसले से भारत की उच्च प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा और अन्‍य महत्‍वपूर्ण उद्योगों को प्रोत्‍साहन मिलेगा।

https://x.com/narendramodi/status/1884638855707664617

कच्चे तेल के आयात को कम करने, किसानों को सशक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में मिलेगी मदद

उन्‍होंने कहा कि एथेनॉल खरीद की संशोधित दर से जुड़े फैसले से एथेनॉल उत्पादन बढ़ाने और ब्लेडिंग लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे कच्चे तेल के आयात में कमी आएगी, किसान सशक्त होंगे और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।

गौरतलब हो, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति (सीसीईए) ने केन्द्र सरकार के एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत 1 नवंबर, 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए एथेनॉल खरीद मूल्य में संशोधन को मंजूरी दे दी है। एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2024-25 (1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025) के लिए सी-हैवी मोलासेस (सीएचएम) से प्राप्त ईबीपी कार्यक्रम के लिए एथेनॉल की एक्स-मिल कीमत 56.58 रुपए प्रति लीटर से 57.97 रुपए प्रति लीटर तय की गई है।

इस मंजूरी से न केवल सरकार को एथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करने की नीति जारी रखने में सुविधा होगी, बल्कि कच्चे तेल के आयात पर निर्भरता कम करने, विदेशी मुद्रा की बचत करने और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने में भी मदद मिलेगी। गन्ना किसानों के हित में जीएसटी और परिवहन शुल्क पहले की तरह अलग से देय होंगे। सीएचएम इथेनॉल की कीमतों में 3 प्रतिशत की वृद्धि से बढ़े हुए मिश्रण लक्ष्य को पूरा करने के लिए एथेनॉल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है

सरकार एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम लागू कर रही है जिसके तहत तेल विपणन कंपनियां 20 प्रतिशत तक एथेनॉल के साथ मिश्रित पेट्रोल बेचती हैं। वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए यह कार्यक्रम पूरे देश में लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ऊर्जा आयात पर निर्भरता को कम करना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना भी है। पिछले दस वर्षों (31.12.2024 तक) के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप लगभग 1,13,007 करोड़ रुपए से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है और लगभग 193 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल की जगह इथेनॉल मिश्रित तेल का उपयोग हुआ है।

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा एथेनॉल मिश्रण, एथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2013-14 (ईएसवाई-वर्तमान में वर्ष की 1 नवंबर से अगले वर्ष की 31 अक्टूबर तक इथेनॉल आपूर्ति अवधि के रूप में परिभाषित) में 38 करोड़ लीटर से बढ़कर ईएसवाई 2023-24 में 707 करोड़ लीटर हो गया है जिससे 14.60 प्रतिशत का औसत मिश्रण प्राप्त हुआ है।

सरकार ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पहले के 2030 की जगह 2025-26 कर दिया है। “भारत में एथेनॉल मिश्रण के लिए रोडमैप 2020-25” को सार्वजनिक रूप से जारी कर दिया गया है। इस दिशा में तेल विपणन कंपनियों ने चालू ईएसवाई 2024-25 के दौरान 18 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्‍य हासिल करने की योजना बनाई है। एथेनॉल आसवन क्षमता को बढ़ाकर प्रति वर्ष 1713 करोड़ लीटर करना, एथेनॉल की कमी वाले राज्यों में समर्पित एथेनॉल संयंत्र (डीईपी) स्थापित करने के लिए दीर्घकालिक ऑफ-टेक समझौते (एलटीओए), सिंगल फीड डिस्टिलरी को मल्टी फीड में बदलने के लिए प्रोत्साहित करना, ई-100 और ई-20 ईंधन की उपलब्धता, फ्लेक्सी ईंधन वाहनों की शुरूआत जैसी पहल की गई हैं। ये सभी कदम व्यापार करने में आसानी और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्‍यों को प्राप्त करने में भी योगदान देते हैं।

ईबीपी कार्यक्रम के तहत सरकार द्वारा किए गए उपायों के कारण देश भर में ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड डिस्टिलरीज के नेटवर्क, भंडारण और लॉजिस्टिक सुविधाओं के अलावा रोजगार के अवसरों और विभिन्न हितधारकों के बीच देश के भीतर मूल्य के बंटवारे के रूप में निवेश हुआ है। सभी डिस्टिलरी इस योजना का लाभ उठा सकेंगी और उनमें से बड़ी संख्या में ईबीपी कार्यक्रम के लिए इथेनॉल की आपूर्ति किए जाने की उम्मीद है। इससे विदेशी मुद्रा बचत, कच्चे तेल के विकल्‍प के रूप में, पर्यावरणीय लाभ और गन्ना किसानों को जल्दी भुगतान में मदद मिलेगी।