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झूठी घोषणाएं करने और कागजों का पेट भरने से हरियाणा को नहीं मिलेगी नशा से मुक्ति

झूठी घोषणाएं करने और कागजों का पेट भरने से हरियाणा को नहीं मिलेगी नशा से मुक्ति
  • PublishedJanuary 3, 2025

चंडीगढ़, 03 जनवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आज हरियाणा में नशा युवाओं के लिए नासूर बना हुआ है, प्रदेश को नशा मुक्त बनाने और नशा तस्करों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की झूठी घोषणाएं करने और कागजी कार्यवाही से प्रदेश को नशे से मुक्ति नहीं मिल सकती। नशा तस्करी जारी है, नशे से मौतों का सिलसिला जारी है। सिरसा के रोड़ी क्षेत्र में पिछले दो माह में चार युवाओं की नशे के चलते मौत हो चुकी है फिर भी सरकार हाथ पर हाथ रखे हुए बैठी है। जिन गांवों को नशा मुक्त किया गया है उनमें अधिकतर में आज भी नशे का धंधा जारी है। सबसे पहले तो सरकार को इस धंधे को सरंक्षण लेने वाले लोगों और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, साथ ही इसमें जनसहयोग भी जरूरी है।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि पहले प्रदेश में अफीम, गांजा, चरस, चूरापोस्त तक का ही नशा होता था, पुलिस ने सख्ती की होती तो नशे पर पहले ही अंकुश लग गया होता, आज युवा हेरोइन-चिट्टा, कोकन, स्मैक, ब्राऊन शुगर आदि का नशा करने लगे हैं। इसके साथ साथ मेडिकल नशा भी बड़े पैमाने पर जारी है मेडिकल नशा आसानी से मिल जाता है पर इसके कई गुना कीमत वसूली जाती है। सरकार के पास उसका अपना मजबूत खुफिया तंत्र है, जिन्हें पता होता है कि उनके क्षेत्र में कौन कौन नशा बेच रहा है और कोैन कौन नशे की तस्करी कर रहा है। उनकी रिपोर्ट पर कार्रवाई कर सरकार नशा तस्करों की कमर तोड़ सकती है, पर जिन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हो उन पर पुलिस भी हाथ डालने से कतराती है। सरकार को झूठी घोषणाएं करने के बजाए मजबूत इरादे से बिना किसी भेदभाव के युवाओं के भविष्य की चिंता करते हुए नशा तस्करों को नेस्तानाबूद करना होगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ जिले खासकर सिरसा, फतेहाबाद और हिसार ऐसे है जहां पर खुलेआम नशा बिकता है, हिसार में भी नशे से मौतों का सिलसिला आज भी जारी है। आंकडों की माने तो 16 प्रतिशत नशेडी, हेरोइन, स्मैक और कोकीन का नशा कर रहे हैं, 10 प्रतिशत गांजा, चरस और भाग का नशा कर रहे है, 15 प्रतिशत लोग अफीम और चूरापोस्त का नशा कर रहे है। दो प्रतिशत महिलाएं भी किसी न किसी प्रकार का नशा कर रही है। नशे के चलते ही प्रदेश में एचआईवी और हैपटाइटिस सी के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। नशेडियों के कारण ही अपराध बढ़ रहे है, नशे की आपूर्ति के लिए नशेडी, चोरी, लूट डकैती तक कर रहे है। नशे के कारण ही परिवारजन हिंसा का शिकार हो रहे है, नशेडी कही पत्नी, कही माता-पिता की तो कही अपने ही बच्चों की हत्या कर रहे हैं। नशा समाज के लिए एक अभिशाप बनता जा रहा है।