प्रधानमंत्री मोदी 27 दिसंबर को करेंगे 58 लाख स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड्स का ई-वितरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 58 लाख स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड्स का ई-वितरण करेंगे। यह कार्यक्रम दोपहर 12:30 बजे शुरू होगा। पीएम मोदी के इस कदम को ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने और शासन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह कार्यक्रम 10 राज्यों-छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश के लगभग 50,000 गांवों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को कवर करेगा।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी चयनित लाभार्थियों से बातचीत करेंगे और राष्ट्र के नाम संबोधन देंगे। उनके साथ पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल और पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज भी शामिल होंगे। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि और अन्य संबंधित लोग इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से शामिल होंगे। देशभर के विभिन्न स्थानों से 13 केंद्रीय मंत्री क्षेत्रीय वितरण समारोहों की निगरानी करेंगे। पंचायती राज मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मिलकर स्वामित्व योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया है। 27 दिसंबर को देशभर में लगभग 20,000 स्थानों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बता दें कि ड्रोन मैपिंग सर्वेक्षण 3.17 लाख गांवों में पूरा किया जा चुका है और 1.49 लाख गांवों में 2.19 करोड़ से अधिक प्रॉपर्टी कार्ड्स तैयार किए गए हैं। डिजिटल रूप से मान्य संपत्ति रिकॉर्ड ने स्थानीय शासन को मजबूत किया है और ग्राम पंचायत विकास योजनाओं (GPDPs) को बेहतर बनाया है। प्रॉपर्टी कार्ड्स ने संस्थागत ऋण तक पहुंच को आसान बनाया है, महिलाओं को संपत्ति के स्वामित्व के माध्यम से वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है, और सटीक मैपिंग के माध्यम से संपत्ति विवादों को काफी हद तक कम किया है।
जानें क्या है स्वामित्व योजना
24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर शुरू की गई स्वामित्व योजना ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों में संपत्ति मालिकों को ड्रोन और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके “अधिकारों का रिकॉर्ड” प्रदान करती है। कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों के बावजूद, सरकार ने 11 अक्टूबर 2020 को पहली बार प्रॉपर्टी कार्ड्स का वितरण किया। यह योजना एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण का उदाहरण है जो वित्तीय समावेशन, आर्थिक स्थिरता और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देती है। स्वामित्व पहल ने न केवल ग्रामीण संपत्ति मालिकों को सशक्त बनाया है बल्कि बेहतर बुनियादी ढांचे की योजना और स्थायी विकास को सक्षम किया है जिससे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में शासन और जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है।