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भारत G-20 का ऐसा पहला देश बना, जिसने पेरिस एग्रीमेंट के तहत दिए गए प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया: पीएम माेदी

भारत G-20 का ऐसा पहला देश बना, जिसने पेरिस एग्रीमेंट के तहत दिए गए प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया: पीएम माेदी
  • PublishedNovember 20, 2024

आज के सत्र की थीम बहुत प्रासंगिक है, हमारी भावी पीढ़ी के भविष्य से जुड़ी है। नई दिल्ली G-20 समिट के दौरान, हमने SDGs को गति देने के लिए वाराणसी एक्शन प्लान अपनाया था। 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता दर को दो गुना करने का संकल्प लिया था। ब्राजील की अध्यक्षता में इनको लागू करने को प्राथमिकता दी गई है। हम इसका स्वागत करते हैं। इस संबंध में, सतत विकास एजेंडा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और प्रयासों को आपके समक्ष रखना चाहता हूं।

भारत 4 करोड़ से अधिक परिवारों को घर उपलब्ध कराया

पिछले एक दशक में, भारत में 4 करोड़ से अधिक परिवारों को घर उपलब्ध कराया गया है। पिछले पांच सालों में 12 करोड़ से अधिक घरों तक साफ पानी पहुंचाया गया है। 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों को स्वच्छ रसोई ईंधन उपलब्ध कराया गया है। और 11.5 करोड़ से ज्यादा परिवारों के लिए शौचालय बनाए गए हैं।

प्रकृति की देखभाल करना नैतिक और मौलिक कर्तव्य

हमारे प्रयास भारत के लोगों की प्रगतिशील सोच और संतुलित परंपरा पर आधारित हैं। जहां धरती को मां, नदियों को जीवनदायिनी और वृक्षों को देव तुल्य माना जाता है। प्रकृति की देखभाल को हम नैतिक और मौलिक कर्तव्य मानते हैं। भारत पहला G-20 देश है, जिसने पेरिस एग्रीमेंट के तहत दिए गए प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा किया है। अब हम और अधिक महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर तेजी से अग्रसर हैं। 2030 तक 500 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के लक्ष्य में से 200 गीगावाट पूरा हो गया है। ग्रीन ट्रांजिशन को जन अभियान का रूप दिया गया है।

10 मिलियन परिवार विश्व रूफ टॉप प्रोग्राम से जुड़े

लगभग 10 मिलियन परिवार विश्व की सबसे बड़े सोलर रूफ टॉप प्रोग्राम से जुड़े हैं। हमारी सोच केवल अपने तक सीमित नहीं है, हम पूरी मानवता के हितों के बारे में सोचते हैं। वैश्विक स्तर पर ‘सस्टेनेबल जीवनशैली’ को बढ़ावा देने के लिए “मिशन लाइफ” यानी लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट लॉन्च किया है।

भारत एक व्यापक वेस्‍ट टू एनर्जी अभियान भी चला रहे हैं

फ़ूड वेस्ट कार्बन फुटप्रिंट का तो कारण है ही, यह हंगर को भी बढ़ाता है। हमें इस चिंता पर भी काम करना होगा। हमने इंटरनेशनल सोलर अलायन्स की शुरुआत की है। 100 से अधिक देश इससे जुड़े हैं। “वन सन वन वर्ल्‍ड वन ग्रिड” पहल के तहत, हम एनर्जी कनेक्टिविटी पर सहयोग कर रहे हैं। भारत ने ग्रीन हाइड्रोजन इनोवेशन सेंटर और ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस लॉन्च किया है। हम भारत में एक व्यापक वेस्‍ट टू एनर्जी अभियान भी चला रहे हैं।

इस वर्ष भारत ने लगभग 1 बिलियन पेड़ लगाए

हमने क्रिटिकल मिनरल्स से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए सर्कुलर एप्रोच पर बल दिया है। “एक पेड़ मां के नाम” अभियान के तहत, हमने इस वर्ष भारत में लगभग 1 बिलियन पेड़ लगाए हैं। भारत ने आपदाओं के लिए गठबंधन लचीला इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल की है। इसके तहत अब पोस्ट डिजास्टर रिकवरी और रिकंस्ट्रक्शन पर भी बल दिया जा रहा है ।

ग्लोबल साउथ के लिए आर्थिक विकास महत्वपूर्ण

ग्लोबल साउथ के देशों, विशेष रूप से स्‍माल आइसलैंड डेवलपिंग स्टेट्स के लिए, आर्थिक विकास उनकी प्राथमिकता है। डिजिटल युग और AI के बढ़ते प्रभाव के साथ, एक संतुलित और उपयुक्त ऊर्जा मिश्रण की आवश्यकता और भी अहम हो जाती है । ऐसे में, ग्लोबल साउथ को एनर्जी ट्रांजिशन के लिए अफोर्डेबल और एश्योर्ड क्लाइमेट फाइनेंस का महत्व बढ़ गया है। टेक्नोलॉजी और फाइनेंस उपलब्ध कराने के विकसित देशों के कमेंट्स को समय पर पूरा किया जाना आवश्यक है।

भारत अपने सफल अनुभवों को सभी साथी देशों के साथ, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के साथ, साझा कर रहा है। इस दिशा में तीसरी ग्लोबल साउथ समिट में हमने ग्लोबल डेवलपमेंट कंपेक्‍ट की घोषणा भी की है। मैं आप सबसे पहल और प्रयास से जुड़ने का आह्वान करता हूं।