सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद बीच में नियम बदलना संवैधानिक नहीं: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी पदों के लिए निकाली गई भर्ती प्रक्रिया के बाद नियमों में बदलाव पर कड़ी आपत्ति जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद नियमों को बीच में नहीं बदला जा सकता है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान बेंच ने कहा कि किसी सरकारी पद पर भर्ती प्रक्रिया के शुरू होने के बाद नियमों को तब तक बीच में नही बदला जा सकता है जब तक इसके लिए प्रक्रिया के नियमों मे ऐसा करने की बात नहीं कही गई हो। कोर्ट ने अपने पुराने फैसले ‘के. मंजुश्री बनाम आंध्र प्रदेश राज्य’ (2008) को सही ठहराया। इस फैसले में कहा गया था कि भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में नहीं बदले जा सकते। कोर्ट ने यह भी कहा कि चयन सूची में जगह मिलने से उम्मीदवार को रोजगार का पूर्ण अधिकार नहीं मिलता है।
दरअसल राजस्थान हाई कोर्ट में 2013 में अनुवादकों के पदों पर भर्ती के दौरान कुछ नियमों में बदलाव किया गया था जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका में यह सवाल उठाया गया था कि क्या भर्ती प्रक्रिया के बीच में नियमों में बदलाव किया जा सकता है या नहीं। इस मामले में जिन उम्मीदवारों ने पहले ही लिखित परीक्षा और मौखिक परीक्षा दे दी थी उन्हें प्रक्रिया के बीच में बताया गया कि केवल वही उम्मीदवार नियुक्ति के लिए योग्य होंगे, जिन्होंने अपनी परीक्षा में कम से कम 75 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।