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चक्रवात ‘दाना’ से निपटने के लिए भारतीय नौसेना हाई अलर्ट पर, राहत एवं बचाव कार्यों में तैनाती

चक्रवात ‘दाना’ से निपटने के लिए भारतीय नौसेना हाई अलर्ट पर, राहत एवं बचाव कार्यों में तैनाती
  • PublishedOctober 24, 2024

चक्रवात ‘दाना’ के आज गुरुवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों से टकराने की आशंकाओं के बीच भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान हाई अलर्ट पर है। नौसेना ने किसी भी आपदा से निपटने के लिए राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारियां पूरी कर ली है। इसके तहत नौसेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) कार्यों के लिए दो नौसैनिक जहाजों को राहत सामग्री और बचाव दलों के साथ तैयार रखा है, जो आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करेंगे।

नौसेना के पूर्वी कमान ने एक बयान में बताया,”आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के नौसैनिक अधिकारियों के साथ समन्वय करते हुए व्यापक आपदा प्रतिक्रिया तंत्र को सक्रिय किया गया है। बेस विक्टुएलिंग यार्ड (BVY), मटेरियल ऑर्गनाइजेशन और नौसेना अस्पताल आईएनएचएस कल्याणी जैसे इकाइयों के साथ मिलकर राज्य प्रशासन की मांग पर आवश्यक आपूर्ति और चिकित्सा सहायता भी प्रदान की जाएगी।”

नौसेना ने प्रभावित क्षेत्रों में सड़क मार्ग से राहत सामग्री, जैसे कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाएं और अन्य आपातकालीन सामग्री भेजी है। इसके अलावा, “बाढ़ राहत और गोताखोरी टीमों को भी तैनात किया जा रहा है, ताकि जरूरत पड़ने पर बचाव और राहत कार्य किए जा सकें। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक चक्रवात डाना पिछले कुछ घंटों से उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर 12 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बढ़ रहा है। फिलहाल अभी यह ओडिशा से लगभग 240 किलोमीटर और पश्चिम बंगाल से लगभग 310 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है।

ओडिशा के धामरा और भद्रक क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू हो गया है। उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, “राज्य सरकार चक्रवात ‘डाना’ को बहुत गंभीरता से ले रही है। प्रभावित जिलों, जैसे कि केंद्रापड़ा, भद्रक, बालासोर, जगतसिंहपुर और पुरी में सभी तैयारिया कर ली गई हैं।”

इसके अलावा, कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गुरुवार शाम 6 बजे से 15 घंटे तक उड़ान सेवाएं निलंबित रहेंगी, ताकि चक्रवात से बचाव के लिए एहतियात बरती जा सके। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की टीमें ओडिशा और पश्चिम बंगाल में पहले से ही तैयार हैं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत तैनात की जा सकती हैं।