ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मेलबर्न में बोले- शिक्षा में सहयोग भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का आधार
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में ऑस्ट्रेलियाई अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन में अपना मुख्य संभाषण दिया। धर्मेंद्र प्रधान ने अपने संबोधन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत और विकसित होती साझेदारी की सराहना की, जो दोनों देशों के इतिहास को जोड़ती है और साथ मिलकर एक उज्जवल भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानी के दूरदर्शी नेतृत्व में इन संबंधों को और मजबूत बनाने की भी पुष्टि की। धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। शिक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान 22 से 26 अक्टूबर 2024 तक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर
आपको बता दें कि शिक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान 22 से 26 अक्टूबर 2024 तक ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। इस यात्रा से शिक्षा में आपसी हित के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग, भागीदारी और तालमेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे पहले इस सप्ताह की शुरुआत में 20-21 अक्टूबर को धर्मेंद्र प्रधान ने सिंगापुर का दौरा किया और कौशल-आधारित शिक्षा और अनुसंधान में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करने के लिए प्रधानमंत्री, उप प्रधानमंत्री, शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों से भेंट की।
कल मेलबर्न में अपने संबोधन में दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा कि चौथी औद्योगिक क्रांति में शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को प्रौद्योगिकी के निर्माता और प्रबंधक बनने के लिए तैयार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति डिजिटल साक्षरता, सॉफ्ट स्किल्स, आलोचनात्मक सोच और अंतःविषय अध्ययनों पर बल देते हुए एक रूपरेखा प्रदान करती है, ताकि उभरते हुए रोजगार बाजारों के अनुकूल हो सकें।
एनईपी 2020 ने भारत के शिक्षण परिदृश्य को संभावनाओं के एक केंद्र में बदल दिया
धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि किस प्रकार से एनईपी 2020 ने भारत के शिक्षण परिदृश्य को संभावनाओं के एक केंद्र में बदल दिया है, भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच स्थायी संबंध और एनईपी 2020 द्वारा संचालित शिक्षा सहयोग में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि भारत में ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय परिसरों की स्थापना केवल शुरुआत है और इसमें बहुत कुछ हासिल करने की संभावनाएं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश मिलकर ज्ञान को आगे बढ़ा सकते हैं, वैश्विक चुनौतियों के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठा सकते हैं तथा छात्रों के लिए नवाचार और उद्यमिता के अनंत अवसरों का सृजन कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री क्लेयर एमपी ने अपने भाषण में एक बेहतर शिक्षा प्रणाली के महत्व पर जोर दिया
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के शिक्षा मंत्री जेसन क्लेयर एमपी ने अपने भाषण में एक बेहतर शिक्षा प्रणाली के महत्व पर जोर दिया जो सिर्फ जीवन ही नहीं बदल सकती, बल्कि यह राष्ट्रों को भी बदल सकती है। भारत की शिक्षा प्रणालियों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि 2035 तक दुनिया भर में विश्वविद्यालय की डिग्री प्राप्त करने वाले चार में से एक व्यक्ति को डिग्री भारत से मिलेगी। उन्होंने बताया कि कैसे डेकिन जैसे ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय 30 वर्षों से भारत में हैं और अब वोलोंगोंग में एक परिसर है। उन्होंने इन पहलों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधान का आभार व्यक्त किया। उन्होंने भारत में एक कंसोर्टियम परिसर के लिए विकल्प तलाशने के लिए छह नवाचार अनुसंधान विश्वविद्यालयों द्वारा किए जा रहे कार्य की भी प्रशंसा की।
विक्टोरिया ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों का घर
धर्मेंद्र प्रधान ने ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया की प्रीमियर जैसिंटा एलन से मुलाकात की। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि विक्टोरिया ऑस्ट्रेलिया में सबसे बड़े भारतीय प्रवासियों का घर है। उन्होंने विक्टोरिया में भारत के साथ स्कूलों और विश्वविद्यालयों के संस्थागत संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। शिक्षा मंत्री प्रधान ने साउथ मेलबर्न प्राइमरी स्कूल, प्रौद्योगिकी, डिजाइन और उद्यम के केंद्र रॉयल मेलबर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आरएमआईटी), मोनाश विश्वविद्याल, इनोवेशन लैब और नैनोफैब्रिकेशन सेंटर का भी दौरा किया।