करुणा और सद्भावना से ही हम दुनिया को और बेहतर बना सकते हैं : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय अभिधम्म दिवस और पाली को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता देने के समारोह में शामिल हुए। पीएम मोदी के साथ संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समारोह उपस्थित रहे। समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभिधम्म दिवस हमें याद दिलाता है कि करुणा और सद्भावना से ही हम दुनिया को और बेहतर बना सकते हैं। इससे पहले 2021 में कुशीनगर में ऐसा ही आयोजन हुआ था, ये मेरा सौभाग्य है कि वहां उस आयोजन में भी मैं शामिल हुआ था। ये मेरा सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध के साथ जुड़ाव की जो यात्रा मेरे जन्म के साथ शुरू हुई है, वो अनवरत जारी है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले आक्रमणकारी भारत की पहचान को मिटाने में लगे थे और आजादी के बाद लोग गुलामी की मानसिकता के शिकार हो गए। भारत पर ऐसे इको-सिस्टम का कब्जा हो गया जिसने हमें विपरीत दिशा में धकेलने का काम किया। पाली भाषा को उसका सही स्थान मिलने में सात दशक लग गए। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत की बुद्ध में आस्था केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा का मार्ग है।
भारत सरकार ने पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया
प्रधानमंत्री मोदी आज अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस और पाली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने के कैबिनेट के फैसले का जश्न मनाने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शांति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए विश्व को उनकी शिक्षाओं से सीखना चाहिए। भारत बुद्ध में आस्था रखता है। उन्होंने कहा कि करुणा और सद्भावना से ही दुनिया को और बेहतर बना सकते हैं।
पीएम मोदी आगे ने कहा कि इस वर्ष अभिधम्म दिवस के आयोजन के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि भी जुड़ी है। भगवान बुद्ध के अभिधम्म, उनकी वाणी, उनकी शिक्षाएं जिस पाली भाषा में विरासत के तौर पर विश्व को मिली है, इसी महीने भारत सरकार ने उस पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है। पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का ये दर्जा, पाली भाषा का ये सम्मान भगवान बुद्ध की महान विरासत का सम्मान है। अभिधम्म धम्म के निहित है, धम्म के मुलभाव को समझने के लिए पाली भाषा का ज्ञान आवश्यक है। धम्म यानी बुद्ध के संदेश, बुद्ध के सिद्धांत और मानव के अस्तित्व से जुड़े सवालों का समाधान। धम्म यानी मानवमात्र के लिए शांति का मार्ग, धम्म यानी बुद्ध की सर्वकालिक शिक्षाएं, धम्म यानी समूची मानवता के कल्याण का अटल आश्वासन।
पाली भाषा को उसका सही स्थान मिलने में सात दशक लग गए
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी से पहले आक्रमणकारी भारत की पहचान को मिटाने में लगे थे और आजादी के बाद लोग गुलामी की मानसिकता के शिकार हो गए। भारत पर ऐसे इको-सिस्टम का कब्जा हो गया जिसने हमें विपरीत दिशा में धकेलने का काम किया। पाली भाषा को उसका सही स्थान मिलने में सात दशक लग गए। देश अब आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास, आत्म-गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। इसके कारण देश बड़े-बड़े फैसले ले रहा है। इसलिए आज पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा प्राप्त है और साथ ही मराठी भाषा को भी वही सम्मान प्राप्त है। इसी तरह हमने बांग्ला, असमिया और प्राकृत भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया है।
20 अक्टूबर को मैं वाराणसी जा रहा हूं
पीएम मोदी ने बताया कि तीन दिन बाद 20 अक्टूबर को मैं वाराणसी जा रहा हूं। जहां सारनाथ में हुए अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण किया जाएगा। हम नए निर्माण के साथ-साथ अपने अतीत को भी सुरक्षित कर रहे हैं।
बुद्ध में आस्था केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा का मार्ग
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हम 600 से ज्यादा प्राचीन धरोहरों, कलाकृतियों और अवशेषों को दुनिया के अलग-अलग देशों से वापस भारत लाए हैं। इनमें से कई अवशेष बौद्ध धर्म संबंधित हैं। यानी बुद्ध की विरासत के पुनर्जागरण में भारत अपनी संस्कृति और सभ्यता को नए सिरे से प्रस्तुत कर रहा है। भारत की बुद्ध में आस्था केवल अपने लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सेवा का मार्ग है।