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पीएम मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित, कहा- ‘हम नए और नवाचार क्षेत्र की खोज कर रहे हैं

पीएम मोदी ने ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को किया संबोधित, कहा- ‘हम नए और नवाचार क्षेत्र की खोज कर रहे हैं
  • PublishedSeptember 11, 2024

पीएम मोदी ने आज बुधवार को ग्रीन हाइड्रोजन पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया। इस सम्मेलन का उद्देश्य ग्रीन हाइड्रोजन परिदृश्य के बारे में समझ को और विकसित करना है।

G20 में ग्रीन ऊर्जा पर पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला भारत पहला देश

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में कहा, हम नए और नवाचार क्षेत्र की खोज कर रहे हैं। G20 में ग्रीन ऊर्जा पर पेरिस प्रतिबद्धताओं को पूरा करने वाला भारत पहला देश है।

ये प्रतिबद्धताएं 2030 के लक्ष्य से 9 साल पहले पूरी की गईं

पीएम ने कहा, ये प्रतिबद्धताएं 2030 के लक्ष्य से 9 साल पहले पूरी की गईं। पिछले 10 वर्षों में भारत की स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता में लगभग 300% की वृद्धि हुई है। G20 में ग्रीन हाइड्रोजन पर विशेष फोकस रहा। ग्रीन हाइड्रोजन सरप्लस नवीकरणीय ऊर्जा को मजबूती देगा।

पिछले 10 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 3,000% से अधिक की वृद्धि

प्रधानमंत्री ने कहा, पिछले 10 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में 3,000% से अधिक की वृद्धि हुई है, लेकिन हम ऐसी उपलब्धियों पर आराम नहीं कर रहे। हम मौजूदा समाधानों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम नए और अभिनव क्षेत्रों पर भी विचार कर रहे हैं। यहीं पर ग्रीन हाइड्रोजन की तस्वीर सामने आती है।

जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या

पीएम मोदी ने कहा, जलवायु परिवर्तन एक वैश्विक समस्या है। आगे जोड़ते हुए उन्होंने कहा, निर्णय जो आज हम लेंगे वो हमारी भावी पीढ़ी को प्रभावित करेगा। सामूहिक और नवाचार की शक्ति से हम समस्या का समाधान कर सकते हैं। उन्होंने कहा ऊर्जा परिवर्तन और स्थिरता वैश्विक नीतिगत चर्चा का केंद्र बन गए हैं।

भारत स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के लिए प्रतिबद्ध

पीएम मोदी ने कहा, भारत स्वच्छ और हरित ग्रह बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हरित हाइड्रोजन विश्व के ऊर्जा परिदृश्य में एक आशाजनक वृद्धि के रूप में उभर रहा है। यह उन उद्योगों को डी-कार्बोनाइजिंग करने में मदद कर सकता है जिन्हें विद्युतीकृत करना मुश्किल है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मेलन बेहतरी के लिए कई विचारों के आदान-प्रदान में मदद करेगा। अतीत में मानवता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। हर बार, हमने सामूहिक और नवीन समाधानों के माध्यम से प्रतिकूलताओं पर विजय प्राप्त की। सामूहिक और नवोन्वेषी कार्यों की इसी भावना के साथ हम एक स्थायी भविष्य की ओर आगे बढ़ेंगे।’