सुप्रीम कोर्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड केस को कोटद्वार कोर्ट से ट्रांसफर करने की मांग ठुकराई
उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले मे आरोपित पुलकित आर्य को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने शुक्रवार मामले को ट्रांसफर करने की मांग ठुकराते हुए कहा कि अपराध बेहद गंभीर है। इस मामले का मुकदमा जल्द खत्म होना चाहिए।
दरअसल अंकिता भंडारी पौड़ी गढ़वाल के एक निजी रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी। वो 18 और 19 सितंबर, 2022 की दरम्यानी रात से लापता थी। बाद में पता चला कि उसकी 18 सितंबर को नहर में धक्का देकर हत्या की गई। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थी।
तलाशी अभियान के दौरान अंकिता का शव 24 सितंबर, 2022 को चिल्ला पावर हाउस से मिला। उसकी हत्या का आरोप रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता पर लगा।
उस वक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने एसआईटी (SIT) का गठन किया था। एसआईटी ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और फिर इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें पता चला कि अंकिता ने जब स्पेशल सर्विस से इनकार किया तो पुलकित ने उसका यौन शोषण करना शुरू कर दिया।
मैनेजर सौरभ भास्कर ने कई बार अंकिता का रेप करने की भी कोशिश की। इस मामले में विवेक आर्य को गवाह बनाया गया है, जो रिसॉर्ट में ही काम करता है। पुलकित आर्य ने इस मामले की सुनवाई कोटद्वार कोर्ट से बाहर करने की मांग की थी, जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया। (H.S)