वायनाड भूस्खलन में सेना, नौसेना, वायु सेना, NDRF और ICG जवान रेस्क्यू में जुटे, IMD ने जारी किया बारिश का रेड अलर्ट
केरल के वायनाड भूस्खलन के बाद राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है। इस बीच मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस आपदा से मृत 116 लोगों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। वैसे अब तक कितनों की मौत हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं है। उधर, वायु सेना, एनडीआरएफ एवं आपदा मोचन बल की ओर से लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। हालांकि राहत कार्यों में जुटीं टीमों को बारिश के कारण कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज दुर्घटनाग्रस्त
उधर केरल के वायनाड जा रही हैं राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज की गाड़ी मलप्पुरम जिले के मंजेरी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। उन्हें मामूली चोट आई है। उन्हें तत्काल मंजेरी मेडिकल कॉलेज पहुंचाया गया। केरल के स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस का कहना है कि वीना जॉर्ज राहत और बचाव कार्य का जायजा लेने वायनाड रही थीं। तिरुवनंतपुरम से मलप्पुरम जिले की दूरी करीब 368 किलोमीटर है।
116 शवों का पोस्टमार्टम पूरा
उससे पहले केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि इस आपदा में अबतक मारे गए लोगों में 116 शवों का पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है। राज्य सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
मौसम विभाग ने बारिश का जारी किया अलर्ट
वहीं मौसम विभाग ने वायनाड में आने वाले कुछ दिनों में मौसम के और खराब होने के संकेत दिए हैं। मौसम विभाग ने वायनाड के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट और मलप्पुरम, कोझिकोड एवं कन्नूर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
सीएम ने देर रात की एक उच्च स्तरीय बैठक
इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वायनाड में भूस्खलन के बाद बचाव कार्यों के समन्वय और पहाड़ी जिले में बड़े पैमाने पर भूस्खलन के मद्देनजर आगे के कदमों पर चर्चा के लिए देर रात एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। कई विभागों के शीर्ष नौकरशाहों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने बचाव कार्यों का आकलन किया और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ समन्वय, आपदा प्रतिक्रिया बलों की तैनाती और राहत शिविरों में स्वास्थ्य और सुरक्षा सावधानियों और सुविधाओं की समीक्षा की।
सेना, नौसेना और वायु सेना की टीम राहत बचाव में जुटी
बता दें कि वायनाड में मंगलवार को तड़के दुखद आपदा आने पर भारतीय सशस्त्र बलों ने तत्काल कार्रवाई की और बचाव कार्य शुरू करने के लिए 300 सैन्य कर्मियों को तुरंत भेजा गया। बचाव और राहत प्रयासों में सहायता के लिए सेना, नौसेना की टीमों और वायु सेना के हेलीकॉप्टरों की अतिरिक्त टुकड़ियां जुटाई गईं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केरल के वायनाड में भूस्खलन के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी से बात की। भारतीय सेना की टुकड़ियों को चल रहे बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है। अतिरिक्त सैनिक, भारी इंजीनियरिंग उपकरण, बचाव कुत्तों की टीमें और अन्य आवश्यक राहत सामग्री को त्रिवेंद्रम, बेंगलुरु और दिल्ली से सेवा विमानों से पहुंचाया जा रहा है।
जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए गए
उच्च प्रशिक्षित आईसीजी कर्मियों और चिकित्सा कर्मियों को आपदा प्रभावित समुदायों को तत्काल राहत और सहायता देने के लिए तैनात किया गया है। इन दलों को आवश्यक आपदा राहत सामग्री जैसे कि बचाव कार्यों के लिए रबर की हवा भरी नावें, पानी और जल निकासी की समस्याओं का प्रबंधन करने के लिए डीजल से चलने वाले पंप, सुरक्षा के लिए लाइफ जैकेट, प्रतिकूल मौसम की स्थिति में कर्मियों की सुरक्षा के लिए रेनकोट और गम बूट और मलबे को साफ करने और प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए मिट्टी साफ करने वाले अन्य उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं।
भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) जिला मुख्यालय (केरल और माहे) और आईसीजी स्टेशन बेपोर ने केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत दल भेजे हैं। आईसीजी ने प्रभावित आबादी की सहायता के लिए खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य आवश्यक आपूर्ति भी भेजी है। कुशल सहायता वितरण सुनिश्चित करने के लिए इन आपूर्तियों के वितरण का तालमेल जिला आपदा प्रबंधन टीम के साथ किया जा रहा है। आईसीजी इस आपदा के असर को कम करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।