प्रधानमंत्री के पैकेज से 4.1 करोड़ युवाओं को मिलेगा रोजगार और कौशल
प्रधानमंत्री के पैकेज से 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार और कौशल मिलेगा। दरअसल, प्रधानमंत्री के पैकेज के एक भाग के रूप में, 2 लाख करोड़ रुपये के केंद्रीय परिव्यय द्वारा समर्थित पांच प्रमुख योजनाओं और पहलों की घोषणा की गई है। यह पैकेज 5 साल की अवधि में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल और अन्य अवसर प्रदान करेगा।
केवल इतना ही नहीं, इन पहलों में रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन, कौशल बढ़ाने के अलावा महिला कार्यबल की भागीदारी और रोजगार सृजन में एमएसएमई की सहायता भी शामिल है। और तो और इन पहलों में पूंजीगत बुनियादी ढांचे को मजबूत करना भी शामिल होगा।
याद हो, केंद्रीय बजट 2024-25 के भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि देशवासियों ने पीएम मोदी पर फिर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा सरकार को ऐतिहासिक तीसरा जनादेश मिला है। उन्होंने कहा, हमारी नीतियों के प्रति देश का समर्थन, आस्था और विश्वास है। हमारा लक्ष्य हर भारतवासी की आकांक्षाओं को पूरा करना है।
युवाओं को दिया विकल्प, नौकरी करो चाहे रोजगार
इसी क्रम में प्रधानमंत्री के पैकेज की मदद से देश के 4.1 करोड़ युवाओं के रोजगार और कौशल के लिए यह विशेष कदम उठाया गया है। यानि सरकार ने इस कदम के माध्यम से युवाओं को दोनों ही विकल्प प्रदान किए गए हैं। अब देश का युवा नौकरी या रोजगार इन दोनों ही विकल्पों में से किसी को भी चुन सकेगा।
तीन योजनाएं EPFO के जरिए की जाएंगी लागू
पांच में से तीन योजनाओं को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों को प्रोत्साहित करके लागू किया जाएगा। ये रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाएं पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों को पहचानने और कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई हैं।
पहली योजना
औपचारिक क्षेत्र में पहली बार काम करने वाले उन कर्मचारियों को लक्षित करेगी जो ईपीएफओ के साथ पंजीकृत हैं। यह योजना तीन किस्तों में एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) प्रदान करती है।
दूसरी योजना
विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करेगी, यह योजना अतिरिक्त पहली बार काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों को प्रोत्साहित करेगी। यह योजना रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान उनके ईपीएफओ योगदान के आधार पर लाभ प्रदान करेगी। 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी इस योजना के तहत पात्र होंगे।
तीसरी योजना
पीएम पैकेज के तहत नियोक्ताओं को 1 लाख रुपये प्रति माह तक के वेतन वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए उनके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रतिमाह की प्रतिपूर्ति करके सहायता प्रदान करेगी।
श्रम कल्याण के लिए किए जाएंगे बड़े सुधार
इसके अतिरिक्त इस बार के बजट में श्रम कल्याण के लिए बड़े सुधारों की भी घोषणा की गई, जिसमें अन्य प्लेटफार्मों के साथ ई-श्रम पोर्टल का व्यापक एकीकरण शामिल है। यह कौशल आवश्यकताओं, नौकरी की भूमिकाओं के लिए वन-स्टॉप समाधान देगा और नौकरी के इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं से जोड़ेगा। इसके साथ ही ई-श्रम सभी प्रकार के श्रम कल्याण, रोजगार और कौशल के लिए वन-स्टॉप समाधान बन जाएगा।
बजट में एक और महत्वपूर्ण घोषणा में उद्योग अनुपालन प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और श्रमिकों के लिए शिकायत निवारण तंत्र को बढ़ाने के लिए क्रमशः श्रम सुविधा और समाधान पोर्टल का पुनरुद्धार शामिल है।
अन्य दो योजनाएं कौशल और इंटर्नशिप के अवसरों को बढ़ाने के लिए
प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत अन्य दो योजनाएं भी कौशल और इंटर्नशिप के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में तैयार की गई हैं, जिससे रोजगार क्षमता बढ़ेगी।
चौथी योजना
राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से पांच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए एक नई केंद्र प्रायोजित योजना होगी, साथ ही उद्योग कौशल आवश्यकताओं के साथ संरेखित करने के लिए 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा।
पीएम पैकेज के तहत अंतिम और पांचवीं योजना
अगले पांच वर्षों में 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगी। यह योजना वास्तविक जीवन के व्यवसाय और पेशेवर प्रदर्शन के साथ 5,000 रुपये प्रति माह का इंटर्नशिप भत्ता और 6,000 रुपये की एकमुश्त सहायता प्रदान करेगी।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए, बजट ने उद्योग के सहयोग से कामकाजी महिला छात्रावास और क्रेच स्थापित करने, महिला-विशिष्ट कौशल कार्यक्रम आयोजित करने और महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) उद्यमों के लिए बाजार पहुंच को बढ़ावा देने का प्रस्ताव दिया है।
वहीं विविध और सुदृढ़ मजबूत नौकरी बाजार को बढ़ावा देने के लिए बजट में घोषित अन्य पहलों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के माध्यम से रोजगार सृजन शामिल है।
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के जरिए होगा रोजगार सृजन
11.11 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय से निर्माण, परिवहन और रसद जैसे क्षेत्रों में कई रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। इससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बेरोजगारी और अल्प रोजगार की समस्या दूर होने की उम्मीद है।
उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रावधान
बजट में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रावधान हैं, इसमें उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने और विविध रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए स्टार्ट-अप और एमएसएमई के लिए वित्तीय सहायता और कर लाभ शामिल हैं।
ग्रामीण रोजगार और आजीविका में मिलेगी मदद
ग्रामीण रोजगार और आजीविका बनाने के लिए, बजट ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए मनरेगा के लिए धन में वृद्धि की है। विनिर्माण और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए, बजट में 100 शहरों में पूर्ण बुनियादी ढांचे के साथ “प्लग एंड प्ले” औद्योगिक पार्क स्थापित करने का प्रावधान है। इनमें से बारह औद्योगिक पार्क विनिर्माण और सेवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत विकसित किए जाएंगे ताकि नए उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके जिससे फिर से लाखों रोजगार पैदा होंगे। कुल मिलाकर 2024-25 का बजट सतत विकास, रोजगार और स्वरोजगार के अभूतपूर्व अवसरों के सृजन, कौशल संवर्धन और सामाजिक कल्याण के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो विकसित भारत के लिए एक मजबूत नींव रखता है।