बजट 2024: वित्त मंत्री ने वेतन भोगियों को टैक्स स्लैब और मानक कटौती पर दी राहत, नई कर व्यवस्था में मिलेगा लाभ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लगातार सातवीं बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष-2024-25 के लिए आयकर सुधारों के एक महत्वपूर्ण सेट की घोषणा की। इसका उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना, अनुपालन को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
करदाताओं को राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी बताया कि दो-तिहाई से ज्यादा लोग नई कर व्यवस्था में शामिल हो गए हैं। जी हां, दो-तिहाई से ज्यादा व्यक्तिगत कर जमाकर्ता नई कर व्यवस्था को चुन रहे हैं। ऐसे में सरकार ने नई कर व्यवस्था में लोगों को फायदा देने का प्रावधान किया है। सरकार आयकर अधिनियम की व्यापक समीक्षा पर काम कर रही है, जो अगले छह महीनों में पूरी हो जाएगी। वित्त मंत्री ने व्यक्तिगत आयकर के लिए टैक्स स्लैब बढ़ाकर करदाताओं को कुछ राहत दी है।
3 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं
नए टैक्स स्लैब में अब पिछले साल की तरह 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन अब 3-7 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत की कर दर लागू होगी, पहले 3-6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत कर लगाया जाता था।
7-10 लाख रुपये की आय पर अब 10 प्रतिशत कर
7-10 लाख रुपये की आय पर अब 10 प्रतिशत कर लगेगा, पहले यह 6-9 लाख रुपये की आय पर था। 10-12 लाख रुपये की आय पर अब 15 प्रतिशत कर लगेगा, पहले यह 9-12 लाख रुपये की आय पर था।
15 लाख से अधिक आय पर 30 प्रतिशत कर
12-15 लाख के बीच की आय पर कर 20 प्रतिशत पर ही रहेगा और 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर भी 30 प्रतिशत पर स्थिर रहेगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन पर भी राहत
केवल इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) पर भी राहत दी है जिसे वर्तमान में 50,000 रुपये से बढ़ाकर अब 75,000 रुपये कर दिया गया है। नई कर व्यवस्था के तहत 15,000 रुपये की पारिवारिक पेंशन से कटौती को बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया गया है।
वित्त मंत्री ने धारा 80सीसीडी के तहत पेंशन योजना में अपने योगदान के संबंध में नियोक्ता द्वारा कटौती की राशि को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर कर्मचारी के वेतन का 14 प्रतिशत करने की भी घोषणा की है। इसका मतलब यह है कि नई कर व्यवस्था में गैर-सरकारी कर्मचारी को अब कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत के स्थान पर 14 प्रतिशत से अधिक राशि की कटौती की अनुमति नहीं होगी।
व्यक्तियों और व्यवसायों पर कर के बोझ को कम करने के लिए घोषित अतिरिक्त उपायों में दान के लिए मौजूदा कर छूट व्यवस्थाओं का विलय, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के लिए टीडीएस दर को पहले के 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करना और वेतन पर काटे गए टीडीएस के विरुद्ध टीसीएस क्रेडिट की अनुमति देना शामिल है।
कर प्रशासन को सुव्यवस्थित करने और मुकदमेबाजी को कम करने के लिए, वित्त मंत्री ने पुनः खोलने और पुनर्मूल्यांकन प्रक्रियाओं को सरल बनाने की घोषणा की है। टीडीएस चूक के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को युक्तिसंगत बनाया गया है और कंपाउंडिंग दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए एक सरल कर व्यवस्था की गई शुरू
देश में घरेलू क्रूज संचालित करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए एक सरल कर व्यवस्था शुरू की गई है। बायबैक से होने वाली आय पर अब कर लगाया जाएगा और 20 लाख रुपये मूल्य की चल संपत्तियों की गैर-रिपोर्टिंग के लिए जुर्माना हटाया जा रहा है। इसके अलावा, डिजिटल लेनदेन पर लगने वाला कर, इक्वलाइजेशन लेवी वापस ले लिया गया है।
सरल टैक्स व्यवस्था से आया 58 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स
वित्त मंत्री ने सरलीकृत कॉर्पोरेट कर व्यवस्था को मजबूती से अपनाने पर प्रकाश डाला, उन्होंने बताया बताया कि 2022-23 में कॉर्पोरेट कर राजस्व का 58 प्रतिशत है। कॉरपोरेट टैक्स 58 प्रतिशत मिलना यह दर्शाता है कि जो सरल टैक्स व्यवस्था की गई है यह उसकी वजह से है। आसान शब्दों में समझें तो जो सिंपलीफिकेशन की गई है उसका फायदा टैक्स कलेक्शन में भी मिलता नजर आ रहा है।
लॉन्ग टर्म गेन पर 12.5 फीसदी टैक्स
लॉन्ग टर्म गेन पर 12.5 फीसदी टैक्स होगा ये सरकार ने इस बजट में प्रस्ताव किया है।
स्टार्टअप के लिए एंजल टैक्स खत्म
सरकार ने स्टार्टअप के लिए एंजल टैक्स खत्म किया है। यानि जो युवा स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उनके लिए अब राहत रहेगी। सरकार का यह कदम स्टार्टअप को प्रोत्साहन देता नजर आएगा।
विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 40 से 35 प्रतिशत
विदेशी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स 40 से 35 प्रतिशत किया गया है। इससे कॉरपोरेट टैक्स देने वाली तमाम विदेशी कंपनियों को पांच फीसदी टैक्स का फायदा होगा।
कैंसर के उपचार के लिए तीन और दवाओं पर कस्टम छूट
कैंसर के उपचार के लिए तीन और दवाओं पर से कस्टम ड्यूटी घटा दी गई है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब कैंसर रोगियों को ये दवाएं सस्ती मिलेगी। (इनपुट-एएनआई)