पीएम मोदी ने लॉकहीड मार्टिन की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड’ प्रतिबद्धता की प्रशंसा की
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी लॉकहीड मार्टिन की ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ की परिकल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की है। अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन के सीईओ जिम टेसलेट ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक्स पर पोस्ट किया,”@लॉकहीडमार्टिन के सीईओ जिम टेक्ले ने प्रधानमंत्री@नरेंद्रमोदी से मुलाकात की। लॉकहीड मार्टिन भारत-अमेरिका एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक सहयोग का एक प्रमुख साझेदार है। हम ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में इसकी प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं।”
अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि हम स्थानीय उद्योग की होनहार प्रतिभा और क्षमताओं को पहचानते हैं और अपने दोनों देशों के बीच रक्षा और औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इससे पहले 16 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पोस्ट थ्रेड्स में मेक इन इंडिया’ कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ा रहा है, इसकी एक झलक साझा की थी। वैश्विक स्तर पर भारत द्वारा निर्मित उत्पादों की अभूतपूर्व सफलता को प्रदर्शित करने वाली ‘मेड इन इंडिया’ पहल के बारे में मायगवइंडिया के एक्स पोस्ट थ्रेड्स पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रधानमंत्री ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “’मेक इन इंडिया’ कैसे भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ा रहा है, इसकी एक झलक !”
दरअसल मायगवइंडिया की इस पोस्ट में कहा गया था कि मेड इन इंडिया पहल विश्व स्तर पर भारतीय निर्मित उत्पादों की अभूतपूर्व सफलता को प्रदर्शित करती है। भारतीय साइकिल से लेकर डिजिटल भुगतान तक, भारत अपने उत्पादों से दुनिया में धूम मचा रहा है।
वहीं, अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन के सीईओ जिम टेसलेट ने गुरुवार 18 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों पर चर्चा की गई।
दरअसल ‘मेक इन इंडिया’ एक क्रांतिकारी विचार है जिसने निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा देने, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने और देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए प्रमुख नई पहलों की शुरूआत की है। इस पहल नें भारत में कारोबार करने की पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। नयी डी-लाइसेंसिंग और ढील के उपायों से जटिलता को कम करने और समग्र प्रक्रिया में गति और पारदर्शिता काफी बढ़ी हैं।
बता दें, निर्माण को बढ़ावा देने एवं संवर्धन के लिए पीएम मोदी ने 25 सितम्बर 2014 को ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की शुरुआत की थी। जिससे भारत को महत्वपूर्ण निवेश एवं निर्माण, संरचना तथा अभिनव प्रयोगों के वैश्विक केंद्र के रुप में बदला जा सके। वर्ष 2022 में 15 अगस्त को पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की अपनी परिकल्पना को विश्व-कल्याण से जोड़ते हुए ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘ मेक फार वर्ल्ड’ का नया नारा दिया था। जिसमें देश को वैश्विक विनिर्माण श्रृंखला के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभारने का संकल्प है।