माइक्रोसॉफ्ट सर्वर में आई तकनीकी खराबी के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- ”NIC नेटवर्क प्रभावित नहीं है”
माइक्रोसॉफ्ट द्वारा कुछ क्लाउड सेवाओं के बाधित होने की सूचना दिए जाने के बाद, केंद्र सरकार इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट और उसके सहयोगियों के संपर्क में है। इस बीच केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, इस खराबी का कारण पहचान लिया गया है और समस्या के समाधान के लिए अपडेट जारी किए गए हैं। सीईआरटी एक तकनीकी सलाह जारी कर रहा है।
NIC भारत सरकार का प्रौद्योगिकी भागीदार
उन्होंने यह भी कहा कि एनआईसी नेटवर्क प्रभावित नहीं है। बताना चाहेंगे कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) भारत सरकार का प्रौद्योगिकी भागीदार है। इसकी स्थापना 1976 में केंद्र और राज्य सरकारों को विकास के विभिन्न पहलुओं में प्रौद्योगिकी-संचालित समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
Microsoft Azure में चल रही खराबी के कारण एयरलाइनों के पूरे नेटवर्क में सिस्टम प्रभावित
ज्ञात हो, भारत में सभी एयरलाइनों ने शुक्रवार को बताया कि Microsoft Azure में चल रही खराबी के कारण पूरे नेटवर्क में उनके सिस्टम प्रभावित हुए हैं। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उड़ानों के बारे में जानकारी के लिए अपनी संबंधित एयरलाइनों से संपर्क करें।
Microsoft Azure, या Azure, माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है। यह व्यक्तियों, कंपनियों और सरकारों को एप्लिकेशन और सेवाओं का प्रबंधन, पहुंच और विकास प्रदान करता है।
इस संबंध में एयरलाइंस का क्या है कहना ?
इस संबंध में इंडिगो ने कहा, “Microsoft Azure के साथ चल रही समस्या के कारण पूरे नेटवर्क में हमारे सिस्टम प्रभावित हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप हमारे संपर्क केंद्रों और हवाई अड्डों पर वेटिंग टाइम बढ़ गया है। ऐसे में यात्रियों को चेक-इन धीमी रफ्तार से होने और लंबी कतारों की समस्या से जूझना पड़ सकता है।”
इंडिगो की ओर से यह भी कहा गया कि, “हम सभी डेक पर हैं और स्थिरता और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। हमारी डिजिटल टीम भी इन मुद्दों को तेजी से हल करने के लिए Microsoft Azure के साथ मिलकर काम कर रही हैं।”
यही नहीं, अकासा एयर द्वारा भी इसी तरह की बाधा की सूचना दी गई थी। अकासा एयरलाइंस ने कहा कि मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट पर उसकी कुछ ऑनलाइन सर्विसेज अस्थायी रूप से उपलब्ध नहीं हैं। एयरलाइन ने कहा कि बुकिंग, चेक-इन सर्विसेज सहित हमारी कुछ ऑनलाइन सेवाएं अस्थायी रूप से अनुपलब्ध रहेंगी।
वर्तमान में, अकासा हवाई अड्डों पर मैन्युअल चेक-इन और बोर्डिंग प्रक्रियाओं का पालन कर रहा है और इसलिए तत्काल यात्रा की योजना बनाने वाले यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे काउंटरों पर चेक-इन करने के लिए हवाई अड्डे पर जल्दी पहुंचें।
अकासा ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, “हमें हुई असुविधा के लिए खेद है और हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी टीमें जल्द से जल्द इसे हल करने के लिए हमारे सेवा प्रदाता के साथ काम कर रही हैं।”
वहीं स्पाइसजेट ने बताया कि हम वर्तमान में उड़ान व्यवधानों पर अपडेट देने में तकनीकी समस्या का सामना कर रहे हैं। हमारी टीम इस समस्या को हल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। हमें हुई किसी भी असुविधा के लिए खेद है और समस्या के हल होने के बाद हम आपको अपडेट करेंगे। आपके धैर्य और सहयोग के लिए धन्यवाद।”
इसी तरह, एयर इंडिया ने कहा, “मौजूदा माइक्रोसॉफ्ट आउटेज के कारण हमारे डिजिटल सिस्टम अस्थायी रूप से प्रभावित हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप देरी हुई है। हमें हुई असुविधा के लिए खेद है और हम अपने मेहमानों से अनुरोध करते हैं कि वे अपनी यात्रा की योजना उसी के अनुसार बनाएं।”
दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से भी आया बयान
उधर, दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से कहा गया है कि वैश्विक आईटी समस्या के कारण एयरपोर्ट पर कुछ सेवाएं अस्थायी रूप से प्रभावित हुई हैं। दिल्ली एयरपोर्ट की ओर से यह भी कहा गया कि यह यात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट कर रहा समस्या की जांच
इस संबंध में माइक्रोसॉफ्ट का कहना है कि सर्वर को ठीक करने का काम जारी है। इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वे उपयोगकर्ताओं की विभिन्न माइक्रोसॉफ्ट 365 एप और सेवाओं तक पहुंचने की क्षमता को प्रभावित करने वाली समस्या की जांच कर रहे हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी कहा कि, “हम प्रभावित ट्रैफिक को वैकल्पिक सिस्टम पर पुनर्निर्देशित करने पर काम कर रहे हैं ताकि प्रभाव को और अधिक तेजी से कम किया जा सके। हमारी सेवाओं में अभी भी निरंतर सुधार हो रहा है और सर्वर ठीक करने का काम जारी है।” (इनपुट-एएनआई)