पेरिस ओलंपिक में इस बार पदक के दावेदार होंगे ये भारतीय मुक्केबाज
‘पेरिस ओलंपिक’ खेल आगामी 26 जुलाई 2024 से शुरू होने जा रहे हैं। भारत इन खेलों में 117 खिलाड़ियों का दल भेज रहा है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प साबित होगा कि इस बार पेरिस ओलंपिक खेलों में भारत के पदक जीतने की दावेदारी किन-किन खेलों में की जा रही है। इसी क्रम में आज उन भारतीय मुक्केबाजों के बारे में जानेंगे जो पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय चुनौती पेश करेंगे और उनमें वो कौन से नाम हैं जो पदक के प्रबल दावेदार हैं।
दुनियाभर के एथलीटों की निगाहें पेरिस ओलंपिक पर
दुनियाभर के एथलीटों की निगाहें पेरिस ओलंपिक खेलों पर टिकी हैं। दरअसल ओलंपिक एक ऐसा मंच है जिसका हर एथलीट को बेसब्री से इंतजार रहता है। यह वो पल होता है जब एथलीट दुनिया के समक्ष अपनी काबिलियत को पदक के साथ साबित करता है।
भारत की ओर से चार महिला और दो पुरुष मुक्केबाज लेंगे हिस्सा
भारत के अन्य एथलीटों की तरह ही भारतीय मुक्केबाजों भी पेरिस ओलंपिक के लिए पूरी तरह से कमर कस चुके हैं। इस बार ओलंपिक में 6 भारतीय मुक्केबाज पदक के लिए जोर आजमाइश करते दिखाई देंगे। भारत की ओर से चार महिला और दो पुरुष मुक्केबाज पेरिस ओलंपिक में हिस्सा ले रहे हैं।
ये रहे ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय मुक्केबाजों के नाम
भारतीय दल में निकहत जरीन (महिला-50 किग्रा), प्रीति पवार (महिला-54 किग्रा), लवलीना बोरगोहेन (महिला-75 किग्रा), जैस्मीन लेम्बोरिया (महिला-57 किग्रा), अमित पंघाल (पुरुष-51 किग्रा), निशांत देव (पुरुष-71 किग्रा) शामिल हैं।
ये होंगे पदक के प्रबल दावेदार
इनमें भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन और टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन से पदक लाने की काफी उम्मीदें की जा रही हैं। देखा जाए तो ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए अब तक तीन मुक्केबाजों ने पदक जीतने में सफलता प्राप्त की है। जी हां, मुक्केबाजी ऐसी प्रतिस्पर्धा है जिसमें पिछले चार ओलंपिक में से तीन में भारत पदक लाने में सफल रहा है। ओलंपिक मुक्केबाजी में पिछले दो पदक देश की बेटियों मैरीकॉम और लवलीना बोरगोहेन ने दिलाए हैं और इस बार लवलीना के साथ निकहत जरीन से बड़ी उम्मीदें लगी हैं। ऐसे में इस बार भारत का मुक्केबाजी दल देश के लिए पदक जीतने के इरादे से बॉक्सिंग रिंग में उतरेगा।
निकहत जरीन (महिला मुक्केबाज-50 किग्रा)
उल्लेखनीय है कि 2022 में हुए एशियाई खेलों के सेमीफाइनल में पहुंचकर ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली निकहत जरीन ने 2022 और 2023 विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने में सफलता प्राप्त की थी। वहीं 2022 के एशियाई खेलों में निकहत ने कांस्य पदक जीता था। 2022 के ही राष्ट्रमंडल खेलों में निकहत ने स्वर्ण पदक जीतने में सफलता पाई थी। दो बार की विश्व चैम्पियन निकहत जरीन को तैयारियों के लिए अच्छा समय मिला है। निकहत ने पिछले कुछ वर्षों में अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है और उनके पास ओलंपिक पदक जीतकर खुद को ओलंपिक जैसे मंच पर साबित करने का अच्छा मौका रहेगा।
लवलीना बोरगोहेन (महिला मुक्केबाज-75 किग्रा)
वहीं बात करें लवलीना बोरगोहेन की तो टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद लवलीना मुक्केबाजी की दुनिया में एक लोकप्रिय नाम बन गया है। इस अनुभवी मुक्केबाज के नाम तीन विश्व चैम्पियनशिप पदक और एक ओलंपिक कांस्य पदक है जो विश्व स्तर पर उनकी क्षमता को दर्शाता है। लवलीना ने वर्ष 2020 के टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के अलावा 2023 विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप। में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं 2018 और 2019 की विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में उन्हें कांस्य पदक हासिल हुआ था। केवल इतना ही नहीं 2022 के एशियाई खेलों में लवलीना ने रजत पदक हासिल किया था। पिछले ओलंपिक में पदक दिलाने वाली लवलीना पेरिस ओलंपिक में 75 किलोग्राम भार वर्ग में रिंग में उतरेंगी। इसी भार वर्ग में उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप और एशियाड पदक जीते हैं।
प्रीति पवार (महिला मुक्केबाज-54 किग्रा)
हरियाणा के भिवानी में रहने वाली प्रीति पवार पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रही हैं। उन्होंने एशियाई खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया। भारतीय मुक्केबाजी दल की सबसे युवा मुक्केबाज प्रीति ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने दमदार खेल से सभी को प्रभावित किया है।
जैस्मीन लेम्बोरिया (महिला मुक्केबाज–57 किग्रा)
राष्ट्रीय चैम्पियन जैस्मीन लेम्बोरिया ने दूसरे विश्व क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट में पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने में सफलता पाई थी। वाडा द्वारा प्रवीण हुड्डा को ठहरने के स्थान की जानकारी न देने पर निलंबित करने के चलते जैस्मीन को ओलंपिक में जाने का मौका मिला है।
निशांत देव (पुरुष मुक्केबाज-71 किग्रा)
आत्मविश्वास से लबरेज भारतीय मुक्केबाज निशांत देव की निगाहें पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने पर लगी हुई हैं। 23 वर्षीय निशांत 2021 में पहली बार विश्व चैम्पियनशिप में क्वार्टर फाइनल पहुंचकर सुर्खियों में आए थे। दो साल बाद उन्होंने विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता। बैंकॉक में विश्व ओलंपिक क्वालिफायर में निशांत ने भारत के लिए पुरुष मुक्केबाजी में पहला कोटा अर्जित किया था।
अमित पंघाल (पुरुष मुक्केबाज-51 किग्रा)
टोक्यो ओलंपिक में खेल चुके अमित पंघाल की कोशिश इस बार ओलंपिक में पदक जीतने की होगी। पेरिस ओलंपिक का कोटा हासिल करने के सफर में अमित को कई कठिनाइयों से गुजरना पड़ा। टोक्यो ओलंपिक के बाद उन्हें एशियन गेम्स और विश्व चैम्पियनशिप में खेलने का मौका नहीं मिला। हालांकि थाईलैंड में हुए अंतिम क्वालिफायर टूर्नामेंट में उन्होंने ओलंपिक का टिकट हासिल किया।
ज्ञात हो, भारत की ओर से मुक्केबाजी में सबसे पहला पदक विजेद्र कुमार ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में जीता था। विजेंद्र ने 75 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक अपने नाम किया था। वर्ष 2012 में लंदन ओलंपिक में महिला मुक्केबाजी को भी शामिल किया गया और दिग्गज भारतीय महिला मुक्केबाज एम सी मैरी कॉम ने इतिहास रचते हुए कांस्य पदक जीता। 2016 रियो ओलंपिक में भारत को मुक्केबाजी में कोई पदक नहीं मिल पाया हालांकि इसके बाद हुए टोक्यो ओलंपिक में लवलीना ने कांस्य पदक जीतकर मुक्केबाजी में देश को तीसरा पदक दिलाया।