दूरसंचार क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता भारत, तीन सालों में चौंतीस सौ करोड़ का निवेश
दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने देश में उत्पादन, रोजगार और निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करती नजर आ रही है। दूरसंचार क्षेत्र में महज तीन वर्षों के भीतर इस योजना ने 3,400 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है, जिसमें दूरसंचार उपकरण उत्पादन 50,000 करोड़ रुपये से अधिक और कुल निर्यात 10,500 करोड़ रुपये है, इससे 17,800 से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
दूरसंचार व्यापार घाटे में आई कमी
इस योजना ने आयातित दूरसंचार उपकरणों पर भारत की निर्भरता को करीब 60% तक कम कर दिया है, जिससे देश कुछ उत्पादों में लगभग आत्मनिर्भर हो गया है। भारतीय निर्माता अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं, उत्तरी अमेरिका और यूरोप को 5G उपकरण निर्यात कर रहे हैं। पिछले पांच वर्षों में दूरसंचार में व्यापार घाटा 68,000 करोड़ रुपये से घटकर 4,000 करोड़ रुपये रह गया है।
पीएलआई योजना ने भारत के निर्यात को पारंपरिक वस्तुओं से उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों में बदल दिया है, जिससे देश वैश्विक मूल्य श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बन गया है। भारत के दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की यह उल्लेखनीय वृद्धि पीएलआई योजना स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा और आयात निर्भरता को कम करने की सरकार की सकारात्मक पहल को दर्शाता है।