हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन से 115 सड़कें बंद, शिमला-बिलासपुर हाइवे पर आया मलबा, कई इलाकों में ब्लैकआउट
हिमाचल प्रदेश में बुधवार (3 जुलाई) देर रात से जारी भारी बारिश के कारण सामान्य जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भूस्खलन से कई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। 115 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। कुछ स्थानों पर परिवहन निगम की बसें भू स्खलन के कारण फंसी हुई है। इसके अलावा 212 ट्रांसफार्मरों के खराब होने से कई इलाकों में ब्लैकआउट है। भारी वर्षा के कारण नदियां और नाले उफान पर हैं।
शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे बाधित रहा
शिमला शहर में रात भर हुई ज़ोरदार वर्षा से भूस्खलन और पेड़ों के गिरने का खतरा बढ़ गया है। सुबह-सुबह पहाड़ी से मलबा आने से शिमला-बिलासपुर नेशनल हाइवे बाधित रहा। भूस्खलन की यह घटना उपनगर चक्कर के समीप बैरियर में सामने आई। इस दौरान हाइवे पर गुजर रहे वाहन मलबे की जद में आने से बच गए। इसके बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाकर हाइवे को एक तरफ के लिए बहाल किया गया। इस दौरान हाइवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं।
राज्य भर में भूस्खलन से 115 सड़कें अवरुद्ध
आज (गुरूवार) सुबह जारी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के आंकड़ों के अनुसार राज्य भर में भूस्खलन से 115 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित ज़िला है, जहाँ 107 सड़कें अवरुद्ध हैं। चम्बा में चार, सोलन में तीन और कांगड़ा में एक सड़क बंद है। मंडी जिला के सिराज उपमंडल में 39, करसोग में 28, थलौट में 22, सुंदरनगर में नौ, नेरचौक में पांच और मंडी उपमंडल में दो सड़कें भूस्खलन से ठप हैं।
लोकनिर्माण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भूस्खलन के मलबे को हटाने के प्रयास चल रहे हैं और उम्मीद है कि दोपहर बाद तक अधिकांश सड़कों पर यातायात बहाल हो जाएगा।
वहीं, भारी वर्षा की वजह से 212 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। मंडी जिला में 147, कुल्लू में 42, चम्बा में 16 और सोलन में सात ट्रांसफार्मरों के बंद होने से बिजली गुल है। व्यापक वर्षा से शिमला जिला के ठियोग उपमंडल में 10 और कुमारसेन में सात पेयजल स्कीमें भी ठप हैं।
सुंदरनगर में सबसे ज्यादा, 110 मिलीमीटर वर्षा हुई
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंडी जिला के सुंदरनगर में सबसे ज्यादा 110 मिलीमीटर वर्षा हुई है। इसके अलावा पालमपुर में 109, बागी व शिमला में 84-84, गोहर में 80, सोलन में 79, मशोबरा में 78, जोगिन्दरनगर में 75 और बैजनाथ में 70 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड की गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि किन्नौर के रिकांगपिओ में 53 किलोमीटर प्रति घण्टे और ताबो में 38 किलोमीटर प्रति घटे की रफ्तार से तूफान चला।
मानसून की सक्रियता से पूरे राज्य में बादल बरस रहे हैं
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि मानसून की सक्रियता से पूरे राज्य में बादल बरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले तीन दिन तक वर्षा का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। आगामी 24 घण्टों यानी पांच जुलाई को भारी बारिश का ओरेंज अलर्ट औऱ छह व सात जुलाई को येलो अलर्ट जारी किया गया है। 8 से 10 जुलाई तक आसमानी बिजली चमकने और अंधड़ चलने की चेतावनी दी गई है।