तीनों सेनाओं को मिले 112 मेडिकल ग्रेजुएट, सशस्त्र बलों में दिया गया कमीशन
सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के 58वें बैच की पासिंग आउट परेड गुरुवार को पुणे में आयोजित हुई, जिसमें पुणे के 58वें बैच के 112 मेडिकल स्नातकों को 25 अप्रैल को एक शानदार समारोह में सशस्त्र बलों में कमीशन दिया गया। इस विशिष्ट कार्यक्रम में भाग लेने वालों में वरिष्ठ सेवारत अधिकारी, अनुभवी, संकाय अधिकारी, चिकित्सा और नर्सिंग कैडेट, कमीशन प्राप्त कैडेटों के माता-पिता और परिवार शामिल थे। एएफएमसी में शानदार पासिंग आउट परेड समारोह लेफ्टिनेंट जनरल नरेंद्र कोटवाल, एवीएसएम, एसएम, वीएसएम, निदेशक और कमांडेंट और मेजर जनरल गिरिराज सिंह, डीन और डिप्टी कमांडेंट, एएफएमसी के संरक्षण में आयोजित किया गया।
रक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में बताया पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के कैप्टन देवाशीष शर्मा, कीर्ति चक्र परेड ग्राउंड में गुरुवार को आयोजित एक शानदार समारोह में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज, पुणे के 58वें बैच के एक सौ बारह मेडिकल स्नातकों को सशस्त्र बलों में कमीशन दिया गया। समारोह के मुख्य अतिथि सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) के महानिदेशक और सेना चिकित्सा कोर के वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल दलजीत सिंह थे। डीजीएएफएमएस ने कमीशनिंग परेड की समीक्षा की। परेड की कमान मेडिकल कैडेट (अब लेफ्टिनेंट) सुशील कुमार सिंह ने संभाली।
एएफएमसी के 58वें बैच के कैडेटों ने एमयूएचएस शीतकालीन 2023 परीक्षाओं में असाधारण प्रदर्शन किया और मित्र विदेशी देशों के 5 कैडेटों सहित कुल एक सौ सैंतालीस कैडेट स्नातक हुए। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में नियुक्त एक सौ बारह कैडेटों में से सत्तासी जेंटलमैन कैडेट हैं और 25 महिला कैडेट हैं। बता दें कि इनमें से अठासी को सेना, दस को नौसेना और चौदह को वायु सेना में नियुक्त किया गया है।
सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा के महानिदेशक ने अपने संबोधन में कहा कि अधिकारियों को पूर्ण समर्पण के साथ देश और सशस्त्र बलों की सेवा करनी चाहिए। उन्होंने नवनियुक्त अधिकारियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कैडेटों की अनुकरणीय शैक्षणिक उपलब्धियों के अनुरूप कमीशनिंग समारोह के बाद शैक्षणिक पुरस्कार प्रस्तुति समारोह आयोजित किया गया। ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ और ‘कलिंग ट्रॉफी’ कॉलेज के 2 सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुरस्कार हैं। इस वर्ष ‘राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक’ फ्लाइंग ऑफिसर आयुष जयसवाल को और ‘कलिंग ट्रॉफी’ सर्जन सब लेफ्टिनेंट बानी कौर को प्रदान किया गया।