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फरवरी 2024 में यूपीआई से भुगतान बढ़कर 18.2 लाख करोड़, 12 वर्षों में 90 गुना बढ़कर हुआ डिजिटल लेनदेन

फरवरी 2024 में यूपीआई से भुगतान बढ़कर 18.2 लाख करोड़, 12 वर्षों में 90 गुना बढ़कर हुआ डिजिटल लेनदेन
  • PublishedMarch 21, 2024

इस साल फरवरी में यूपीआई के माध्यम से बडे़ पैमाने पर 18.2 लाख करोड़ रुपये का भुगतान हुआ है वहीं यूपीआई से 122 करोड़ बार लेनदेन किया गया है। प्रचलित भुगतान के प्रणाली यूपीआई से पिछले महीने जनवरी में किए गए लेनदेन की तुलना में थोड़ा कम है। जनवरी में कुल 18.4 लाख करोड़ रुपये भुगतान किया गया था जबकि लेनदेन की कुल संख्या 121 करोड़ थी।

नेशनल पेमेंट्स काॅरपोरेश ऑफ इंडिया के मुताबिक रोजना औसतन 40000 – 80000 करोड़ का लेनदेन

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के मुताबिक भारत में दैनिक आधार पर औसतन 40,000 रुपये से 80,000 करोड़ रुपये का यूपीआई लेनदेन किया जाता है। ऑनलाइन भुगतान के दो अन्य प्रणालियों एनईएफटी और आरटीजीएस के माध्यम से क्रमशः 33.85 लाख करोड़ रुपये और 146 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। वहीं इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की बात करें तो जनवरी 2024 में क्रमश: 91.24 लाख करोड़ रुपये और 28.16 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।

अकेले भारत में दुनिया का 46 फीसदी डिजिटल भुगतान

गौरतलब हो कि भारत आज दुनिया के लगभग 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन के लिए जिम्मेदार है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस महीने की शुरुआत में बताया कि भारत में डिजिटल भुगतान में यूपीआई की हिस्सेदारी 2023 में 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गई है,क्योंकि उन्होंने देश में भुगतान प्रणाली की व्यवस्थित रूपरेखा तैयार की है।

12 वर्षों में 90 गुना बढ़कर हुआ डिजिटल भुगतान

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि भारत न केवल तेजी से विकसित हो रहे तकनीकी इनोवेशन (नवाचार)में आगे बढ़ा है, बल्कि दुनिया में सबसे आधुनिक भुगतान प्रणालियों में से एक को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भारत में रिटेल (खुदरा) डिजिटल भुगतान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 162 करोड़ से 12 वर्षों में 90 गुना बढ़कर 2023-24 (फरवरी 2024 तक) में 14,726 करोड़ से अधिक लेनदेन हो गया है।

गौरतलब हो कि यूपीआई भारत की मोबाइल-आधारित तेज भुगतान प्रणाली है,जो ग्राहकों को ग्राहक द्वारा बनाए गए वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (वीपीए) का उपयोग करके चौबीसों घंटे तुरंत भुगतान करने की सुविधा देती है। भारत में (रिटेल) खुदरा डिजिटल भुगतान के लिए यूपीआई भुगतान प्रणाली बेहद लोकप्रिय हो गई है और भारत में इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि यूपीआई के लाभ केवल भारत तक ही सीमित न रहें बल्कि अन्य देशों को भी इससे फायदा मिले। अभी तक श्रीलंका, मॉरीशस, फ्रांस, संयुक्त अरब अमीरात और सिंगापुर ने भारत के साथ यूपीआई के लिए साझेदारी कर चुके हैं।