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सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को 5 वर्षों के लिए बढ़ाया, शाह ने कहा-संगठन देश की सुरक्षा के लिए खतरा

सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को 5 वर्षों के लिए बढ़ाया, शाह ने कहा-संगठन देश की सुरक्षा के लिए खतरा
  • PublishedFebruary 28, 2024

केन्‍द्र सरकार ने जमात ए इस्‍लामी जम्‍मू-कश्‍मीर पर प्रतिबंध को 5 साल और बढा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पडेगा। इस संगठन को पहली बार 28 फरवरी 2019 को गैरकानूनी घोषित किया गया था।

केन्‍द्र सरकार ने जमात ए इस्‍लामी जम्‍मू-कश्‍मीर पर प्रतिबंध को 5 साल और बढा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (27 फरवरी) को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को 5 वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों को कड़ी कार्रवाई का सामना करना पडेगा। इस संगठन को पहली बार 28 फरवरी 2019 को गैरकानूनी घोषित किया गया था।

अमित शाह ने एक्स पर कहा, संगठन देश की सुरक्षा के खतरा

केन्‍द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (x) पर एक पोस्‍ट में कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री की आतंकवाद और अलगाववाद के प्रति कतई बर्दाश्‍त नहीं की नीति के अन्‍तर्गत लिया गया है। उन्‍होंने कहा कि यह संगठन देश की सुरक्षा, अखण्‍डता और संप्रभुता के खिलाफ कार्रवाईयों में निरंतर लिप्‍त पाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा देश की सुरक्षा के लिए खतरा बनने वालों को सख्‍त कदमों का सामना करना पडेगा।

https://x.com/AmitShah/status/1762465765393936399?s=20

संगठन को 2019 को घोषित किया गया था गैरकानूनी

बता दें कि जमात ए इस्‍लामी जम्‍मू-कश्‍मीर को पहली बार 28 फरवरी 2019 को गैरकानूनी घोषित किया गया था। केंद्र सरकार ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर को विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967 की धारा 3 (1) के तहत 5 और वर्षों के लिए विधिविरुद्ध संगठन घोषित कर दिया है। ये संगठन जम्मू और कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में लगातार शामिल है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है। जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर और उसके सदस्यों के खिलाफ विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम (यूएपीए), 1967सहित कानून की विभिन्न धाराओं के तहत कई आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस की नीति

दरअसल पीएम मोदी की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत, भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को तुरंत विफल कर दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 में गृह मंत्रालय ने ‘तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू एंड कश्मीर (TeH)’ को विधिविरुद्ध संगठन घोषित किया था। बता दें कि तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू और कश्मीर (TeH) का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग करना और जम्मू और कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करना है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवाद और भारत विरोधी प्रचार को बढ़ावा देने में शामिल रहा है, जो भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए हानिकारक है।