एनएएम योजना के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये : आयुष मंत्रालय
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 तक एनएएम के एक घटक के रूप में राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से आयुष मंत्रालय द्वारा 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों (एएचडब्ल्यूसी) के संचालन को मंजूरी दे दी है।
दुनिया समग्र स्वास्थ्य सेवा की आशा कर रही है। आज योग और आयुष पूरे विश्व में अपना परचम लहरा रहा है। केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को बिहार के पटना में आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित छह राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड,मध्य प्रदेश, ओडिशा और उत्तर प्रदेश की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।
आयुष मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार (15 फरवरी) को राष्ट्रीय आयुष मिशन की क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में भाग लिया। बता दें कि एनएएम योजना के लिए बजटीय प्रावधान बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये किया गया है।
दरअसल आयुष मंत्रालय राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) की केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत अपने संबंधित राज्य वार्षिक कार्य योजनाओं (एसएएपी) के माध्यम से उनके द्वारा प्रस्तावित विभिन्न गतिविधियों के कार्यान्वयन के लिए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश सरकारों के प्रयासों में सहयोग कर रहा है। एनएएम को जरूरतमंद जनता को सूचित विकल्प प्रदान करने के लिए आयुष स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को मजबूत और बेहतर बनाकर पूरे देश में आयुष स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने की कल्पना और उद्देश्यों के साथ कार्यान्वित किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 तक एनएएम के एक घटक के रूप में राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश सरकारों के माध्यम से आयुष मंत्रालय द्वारा 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों (एएचडब्ल्यूसी) के संचालन को मंजूरी दे दी है।
ज्ञात हो कि आयुष मंत्रालय ने 2014-15 से अब तक एनएएम के तहत 7 राज्यों (बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) को 1712.54 करोड़ रुपये जारी किए हैं। एनएएम के तहत, मंत्रालय ने 2022-23 के दौरान अयोध्या में एक नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, वाराणसी, उत्तर प्रदेश में नए होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में योग और प्राकृतिक चिकित्सा कॉलेज की स्थापना के लिए भी सहयोग दिया है।
सर्बानंद सोनोवाल ने व्यक्तिगत रूप से उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की आयुष टीम से आयुष शिक्षण संस्थानों के निर्माण कार्य में जल्द से जल्द तेजी लाने और इसे क्रियाशील बनाने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे स्वीकृत एकीकृत आयुष अस्पतालों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तत्काल कदम उठाएं और उन्हें जल्द से जल्द चालू करें ताकि लोग आयुष सेवाओं का लाभ उठा सकें।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकारों, विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ से भी अनुरोध किया गया है कि वे संभावित क्षेत्रों में व्यापक आधार पर लिम्फैटिक फाइलेरियासिस के रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) के लिए आयुष पर राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करें।