World Wetlands Day: प्रकृति संरक्षण के लिए 200 पर्यावरण विशेषज्ञ करेंगे मंथन, जानें क्या है ‘वर्ल्ड वेटलैंड डे’
भारत ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के दौरान रामसर साइटों की कुल संख्या 75 तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। भारत सरकार के एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रोत्साहन के कारण, पिछले दस वर्षों में रामसर साइटों की संख्या 26 से बढ़कर 80 हो गई है, जिनमें से 38 अकेले पिछले तीन वर्षों में जोड़े गए हैं।
हर साल 2 फरवरी को वेटलैंड डे यानी आर्द्रभूमि दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार भी विश्व वेटलैंड्स दिवस-2024 को लेकर देश में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी क्रम में इंदौर शहर के सिरपुर वेटलैंड पर राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष, भारत सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से 2022 में इंदौर में नामित रामसर साइट सिरपुर झील में राष्ट्रीय विश्व वेटलैंड दिवस कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।
सिरपुर वेटलैंड
इंदौर स्थित सिरपुर वेटलैंड एक मानव निर्मित वेटलैंड है, जिसे पिछली दो शताब्दियों में प्राकृतिक विशेषताओं के साथ विकसित किया गया है। आमतौर पर पक्षी विहार (पक्षी अभ्यारण्य) नाम से प्रसिद्ध यह स्थल एक उथली, क्षारीय, पोषक तत्वों से भरपूर झील है। यह लुप्तप्राय प्रजातियों सहित पौधों और जानवरों को संरक्षण देती है। यह लगभग 175 स्थलीय पौधों की प्रजातियों, छह मैक्रोफाइट्स, 30 प्राकृतिक और मछली प्रजातियों, आठ सरीसृपों और उभयचरों के जीवन के लिए जरुरी व अनुकूलनीय पर्यावरण उपलब्ध कराती है।
सर्दियों के मौसम में जलीय पक्षी यहां आते हैं। करीब 130 पक्षी प्रजातियों को यहां देखा गया है। इनमें कॉमन पोचार्ड (अयथ्या फेरिना), मिस्र का गिद्ध (नियोफ्रॉन पर्कनोप्टेरस) और इंडियन रिवर टर्न (स्टर्ना ऑरेंटिया) शामिल हैं। सिरपुर वेटलैंड आसपास रहने वाले समुदायों को मत्स्य पालन और औषधीय पौधों की गतिविधियों से जोड़ता है। बाढ़ को रोकता है। स्थानीय लोग शांति, मनोरंजन और पर्यावरण संरक्षण की शिक्षा के लिए यहां आते हैं।
क्या है वेटलैंड डे
दो फरवरी को विश्व वेटलैंड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन 1971 में ईरान के रामसर शहर में तालाबों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व वेटलैंड्स दिवस तालाबों के प्रति जागृति लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह रेखांकित करना है कि तालाबों का संरक्षण और मनुष्यों का कल्याण दोनों परस्पर एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
भारत में रामसर साइटों की संख्या
इस वर्ष विश्व वेटलैंड्स दिवस की थीम ‘‘वेटलैंण्डस एंड ह्यूमन बींग’’ है।भारत ने इस कन्वेंशन की पुष्टि की 1 फरवरी 1982 को। इससे पहले अगस्त 2022 में, भारत ने स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के दौरान रामसर साइटों की कुल संख्या 75 तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया। भारत सरकार के एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्रोत्साहन के कारण, पिछले दस वर्षों में रामसर साइटों की संख्या 26 से बढ़कर 80 हो गई है, जिनमें से 38 अकेले पिछले तीन वर्षों में जोड़े गए हैं।
रामसर वेटलैंड्स सिटी के रूप में अधिमान्यता प्राप्त करने की दिशा में
भारत में तालाबों के संरक्षण की एक बहुत ही समृद्ध परंपरा रही है। देश के सभी भागों में प्राकृतिक और मानव निर्मित जल संरचना, तालाब, सरोवर, सागर स्थित हैं, जो मनुष्यों एवं अन्य जीवों को विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। भारत में 02 लाख 25 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में लगभग 02 लाख से अधिक तालाब हैं। मध्यप्रदेश में इनकी संख्या लगभग 15000 से अधिक है। राज्य शासन द्वारा तालाबों के संरक्षण के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं। इससे दो वर्षों में रामसर साइट्स की संख्या एक से बढ़कर चार हो गयी है। यह प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त भोपाल-इन्दौर देश के उन तीन शहरों में शामिल हैं, जो रामसर वेटलैण्ड सिटी के रूप में अधिमान्यता प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं।
बता दें कि भारत में एक भी शहर रामसर वेटलैंड सिटी के रूप में अधिमान्य प्राप्त नहीं है। जबकि विश्व के 17 देशों के 40 से अधिक शहर वेटलैंड सिटी के रूप में चिन्हांकित है।
पूरे देश में अनेक आयोजन
विश्व वेटलैण्ड्स दिवस के मुख्य कार्यक्रम के तारतम्य में पूरे देश में अनेक आयोजन किए गए, जिसमें लगभग 10 लाख से अधिक लोग इन आयोजनों से जुड़े हैं। मध्यप्रदेश में राज्य वेटलैण्ड प्राधिकरण द्वारा वेटलैण्ड सिटी डायलॉग, वेटलैण्ड स्वच्छता श्रमदान, पक्षी दर्शन, वेटलैण्ड् वॉक, वेटलैण्ड मित्रों के संवाद आदि कार्यक्रम रामसर साइट्स पर आयोजित किए गए। इसमें हजारों की संख्या में लोग इन कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में देश के वेटलैंड के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों एवं वेटलैंड से प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार के पदार्थों एवं उत्पादों के संबंध में प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी।