भारत और ओमान के बीच रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद के लिए हुआ समझौता
भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने ने बुधवार (31 जनवरी) को मस्कट में ओमान के रक्षा मंत्रालय के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन नसीर बिन अली अल ज़ाबी के साथ 12वीं संयुक्त सैन्य सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता की। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और ओमान के बीच मजबूत रक्षा सहयोग की समीक्षा की। इसके अलावा भारत और ओमान ने रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। बैठक में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, सूचनाओं का आदान-प्रदान, समुद्र विज्ञान और जहाज निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और सहयोग का निर्माण करेगी। भारत के रक्षा सचिव ने ओमान के रक्षा मंत्रालय के महासचिव डॉ. मोहम्मद बिन नसीर बिन अली अल ज़ाबी के आमंत्रण पर 30 से 31 जनवरी तक ओमान का दौरा किया है।
भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी
ज्ञात हो कि ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत के सबसे करीबी रक्षा साझेदारों में से एक है और रक्षा सहयोग भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है। दोनों देश रणनीतिक साझेदारी के दृष्टिकोण के तहत काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग पर हुई चर्चा
इस बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने भारत और ओमान के बीच मजबूत रक्षा सहयोग की समीक्षा की और सराहना की। साथ ही जेएमसीसी मीटिंग में प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, सूचना साझा करने, समुद्र विज्ञान, जहाज निर्माण और एमआरओ के क्षेत्र में सहयोग के कई नए क्षेत्रों पर चर्चा हुई, जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी विश्वास और संचालनीयता का निर्माण करेगी। इसके अलावा, उन्होंने साझे हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने रक्षा उद्योगों के सहयोग पर ध्यान देने के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए प्रभावी और व्यावहारिक पहल पर चर्चा की।
रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद के लिए हुआ समझौता
इस मीटिंग में दोनों देशों ने रक्षा सामग्री और उपकरणों की खरीद पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। बता दें कि यह ज्ञापन रक्षा सहयोग के एक नए क्षेत्र के लिए एक रूपरेखा प्रदान करेगा। ओमान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान रक्षा सचिव ने महासचिव के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की। वार्ता के दौरान, गिरिधर अरमाने ने क्षमता और इसके साथ घरेलू रक्षा उद्योग की क्षमता पर प्रकाश डाला तथा ओमान के सशस्त्र बलों के साथ एक उपयोगी साझेदारी की आशा व्यक्त की।
ओमान पक्ष ने भी भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता पर भरोसा व्यक्त किया। ओमान की ओर से भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता पर भरोसा जताया गया। रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने ने ओमान के महासचिव और उनके प्रतिनिधिमंडल को विशेष रूप से एयरोस्पेस और समुद्री क्षेत्रों में रक्षा औद्योगिक क्षमता का अवलोकन करने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित किया है।