75वें गणतंत्र दिवस पर 132 पद्म पुरस्कारों की घोषणा, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू,प्रसिद्ध अभिनेत्री वैजंती माला पद्म विभूषण से सम्मानित
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय ने गुरुवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, कुल 132 पद्म पुरस्कारों में जिसमें पांच पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री शामिल हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, वैजयंतीमाला, चिरंजीवी को पद्म विभूषण से सम्मानित से किया गया है। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है।
75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गृह मंत्रालय ने गुरुवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की, कुल 132 पद्म पुरस्कारों में जिसमें पांच पद्म विभूषण, 17 पद्म भूषण और 110 पद्म श्री शामिल हैं। पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, वैजयंतीमाला, चिरंजीवी को पद्म विभूषण से सम्मानित से किया गया है। सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। मशहूर शास्त्रीय नृत्यांगना पद्मा सुब्रमण्यम को भी पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। पद्म भूषण पुरस्कार पाने वालों में अभिनेता से नेता बने मिथुन चक्रवर्ती और पूर्व केंद्रीय मंत्री राम नाइक और गायिका उषा उत्थुप शामिल हैं।
देश का सर्वाेच्च नागरिक पुरस्कार
देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में प्रदान किये जाते हैं। पुरस्कार विभिन्न विषयों और गतिविधियों के क्षेत्रों में दिए जाते हैं, जैसे- कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल और सिविल सेवा शामिल है। जबकि ‘पद्म विभूषण’ असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है; उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म भूषण’ और किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म श्री’ से नवाजा जाता है । पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक समारोहों में प्रदान किए जाते हैं जो आमतौर पर हर साल मार्च या अप्रैल के आसपास राष्ट्रपति भवन में आयोजित होते हैं।
कई गुमनाम हस्तियों को मिला सम्मान
2024 के लिए पद्मश्री पुरस्कार ऐसे लोगों को दिया जा रहा है, जो अब तक गुमनाम थे। इनमें असम की रहने वाली देश की पहली महिला महावत पार्वती बरुआ और जागेश्वर यादव का नाम शामिल है। इसके अलावा लिस्ट में चार्मी मुर्मू, सोमन्ना, सर्वेश्वर, सांगथाम समेत कई बड़े नाम भी हैं। पद्म पुरस्कार विजेताओं में 30 महिलाएं हैं। इनमें 8 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं। 9 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं। इससे पहले 23 जनवरी को सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का ऐलान किया था।
पार्वती बरुआ
असम के गौरीपुर के एक राजघराने से ताल्लुक रखने वाली पार्वती बरुआ को शुरू से ही जानवरों से खास लगाव था। खासतौर पर हाथियों से। उनका यही प्यार उनकी जिंदगी का लक्ष्य बन गया और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जानवरों की सेवा में लगाने का फैसला कर लिया। वो एशियन एलिफैंट स्पेशलिस्ट ग्रुप, आईयूसीएन की सदस्य भी हैं। उनकी जिंदगी पर कई डॉक्यूमेंट्री बन चुकी हैं। वो हाथियों को बचाने के लिए भी काफी सक्रिय रहती हैं।
चामी मुर्मू
पद्म श्री पाने वाली चामी मुर्मू पिछले 28 सालाें में 28 हजार महिलाओं को स्वरोजगार दे चुकी हैं। चामी मुर्मू को नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 2019 में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह सम्मान दिया।
जागेश्वर यादव
जशपुर से आदिवासी कल्याण कार्यकर्ता जागेश्वर यादव को भी पद्मश्री के लिए चुना गया है। छत्तीसगढ़ के जागेश्वर यादव 67 साल के हैं। उन्हें सामाजिक कार्य (आदिवासी – पीवीटीजी) के लिए पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने हाशिये पर पड़े बिरहोर और पहाड़ी कोरवा लोगों के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।
जशपुर में आश्रम की स्थापना की और शिविर लगाकार निरक्षरता को खत्म करने और मानक स्वास्थ्य सेवा को उन्नत करने के लिए काम किया। महामारी के दौरान झिझक को दूर करने, टीकाकरण की सुविधा दिलवाई, जिससे शिशु मृत्युदर को कम करने में भी मदद मिली। आर्थिक तंगी के बावजूद उनका जुनून सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए बना रहा।
दुखू माझी
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया के सिंदरी गांव के आदिवासी पर्यावरणविद् दुखू माझी को सामाजिक कार्य (पर्यावरण वनीकरण) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। उन्होंने हर दिन अपनी साइकिल पर नए गंतव्यों की यात्रा करते हुए बंजर भूमि पर 5,000 से अधिक बरगद, आम और ब्लैकबेरी के पेड़ लगाए।
हेमचंद मांझी
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर के पारंपरिक औषधीय चिकित्सक हेमचंद मांझी को चिकित्सा (आयुष पारंपरिक चिकित्सा) के क्षेत्र में पद्मश्री दिया जाएगा। उन्होंने पांच दशकों से अधिक समय से ग्रामीणों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने 15 साल की उम्र से जरूरतमंदों की सेवा शुरू कर दी थी।
के चेल्लम्मल
अंडमान व निकोबार के जैविक किसान के. चेल्लम्मल (नारियल अम्मा) को अन्य (कृषि जैविक) के क्षेत्र में पद्मश्री मिला। उन्होंने 10 एकड़ का जैविक फार्म सफलतापूर्वक विकसित किया।
गुरविंदर सिंह
हरियाणा के सिरसा के 52 साल के दिव्यांग सामाजिक कार्यकर्ता गुरविंदर सिंह ने बेघर, निराश्रित, महिलाओं की बेहतरी के लिए और अनाथ व दिव्यांगजनों के लिए काम किया। अपने अटूट समर्पण से उन्होंने 300 बच्चों का पालन-पोषण करने के लिए बाल देखभाल संस्थान स्थापित किया और नाम रखा बाल गोपाल धाम। 6,000 से ज्यादा लोगों को फ्री एम्बुलेंस सेवांए प्रदान की। इनमें दुर्घटना के शिकार और गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। ट्रक की चपेट में आने से कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया और जीवन भर के लिए व्हीलचेयर पर ही सीमित होकर भी, दूसरों के कल्याण के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है।सामाजिक कार्य (दिव्यांग) में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जा रहा है।