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केंद्र सरकार और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के बीच 1070 करोड़ रुपये की रक्षा सौदे पर सहमति, अभेद्य होगी समुद्री तटों की सुरक्षा

केंद्र सरकार और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के बीच 1070 करोड़ रुपये की रक्षा सौदे पर सहमति, अभेद्य होगी समुद्री तटों की सुरक्षा
  • PublishedJanuary 25, 2024

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय समुद्री तटों रक्षा सुनिश्चित करने के लिए 14 तेज गति से निगरानी करने वाले शिप (एफपीवी) के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के साथ 1,070 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किया।

रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारतीय समुद्री तटों रक्षा सुनिश्चित करने के लिए 14 तेज गति से निगरानी करने वाले शिप (एफपीवी) के लिए मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के साथ 1,070 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किया।

पांच वर्षों के भीतर सौंपी जाएगी यह आधुनिक शिप

स्वदेशी रूप से निर्मित इन आधुनिक शिपों (फास्ट पैट्रोलिंग वेसेल्स) को एमडीएल द्वारा डिजाइन, विकसित किया जाएगा, जिसे पांच साल की समय सीमा के भीतर भारतीय तट रक्षकों को सौंप दिया जाएगा। विभिन्न अत्याधुनिक सुविधाओं और उपकरणों के अलावा एफपीवी बहुउद्देशीय ड्रोन, वायरलेस रूप से नियंत्रित रिमोट वॉटर रेस्क्यू क्राफ्ट लाइफबॉय और एआई क्षमता से लैस होंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इससे भारतीय तटरक्षकों को वर्तमान समय की नए चुनौतियों का सामना करने में मदद और परिचालन में आसानी होगी।

एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन में मददगार

ये शिप (एफपीवी) मत्स्य पालन संरक्षण और निगरानी, नियंत्रण और निगरानी, तस्करी विरोधी अभियान, खोज और बचाव अभियान,संकट में जहाज/शिल्प को सहायता, टोइंग क्षमताओं,एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन, समुद्री प्रदूषण के निपटान में सहायता और निगरानी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

इन शिपों (एफपीवी) के अधिग्रहण का उद्देश्य भारतीय तटरक्षा की क्षमता को बढ़ावा देना और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है। बता दें कि करीब एक महीने पहले भारतीय तटरक्षक बल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से युक्त अगली पीढ़ी के 6 अपतटीय गश्ती जहाजों के अधिग्रहण के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा एमडीएल के साथ 1,614 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। इस तरह यह सौदा आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा देगा।